मुंबई। शिवसेना ने मालेगांव बम धमाके मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को क्लीन चिट दिए जाने का स्वागत करते हुए उनके खिलाफ झूठा मामला बनाने वाले जांच अधिकारी के खिलाफ अवमानना का मामला दायर करने की मांग की है। शिवसेना ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट देने का स्वागत किया।
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुताबिक किसी व्यक्ति की छवि को धूमिल करना अपराध है। साध्वी प्रज्ञा को बगैर किसी सबूत के 8 सालों तक जेल में रखा गया। इसके लिए दोषी जांच अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाना चाहिए। हम मामले में 21 मुस्लिम युवाओं को बरी किए जाने के फैसले का स्वागत करने के साथ-साथ साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दिए जाने का भी स्वागत करते हैं।
कांग्रेस-राकांपा सरकार के शासनकाल के दौरान भगवा आतंकवाद का आरोप लगाया गया था और आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) पिछले 8 साल से प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित और 6-7 अन्य हिन्दुओं के खिलाफ मामले की जांच कर रहा था। जांच एजेंसी ने उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर काफी परेशान किया। जांच एजेंसी ने देश के हिन्दू संगठनों की छवि को धूमिल किया है। हिन्दू राष्ट्र का मतलब भगवा आतंकवाद नहीं होता है।
कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ने वाले कर्नल पुरोहित के घर पर एटीएस के अधिकारियों ने आरडीएक्स रखा और उनके खिलाफ झूठा मामला बनाया। मामले में दोषी जांच अधिकारियों के नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए और उनके खिलाफ अवमानना का मामला दायर किया जाना चाहिए। (वार्ता)