ठाणे। महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाइक ने बुधवार को कहा कि पार्टी को भाजपा के साथ अपने संबंधों को फिर से मजबूत करने चाहिए। शिवसेना विधायक का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन वाली महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं।
दरअसल, एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के बागी विधायकों के विद्रोह के कारण महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गंभीर संकट का सामना कर रही है।
ठाणे के ओवाला-माजीवाड़ा क्षेत्र से विधायक प्रताप सरनाइक के खिलाफ धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच चल रही है।
सरनाइक ने पिछले साल मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर कहा था कि पार्टी को अपने नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई से बचाने के लिए भाजपा के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी यह विचार रखा था कि शिवसेना को भाजपा के साथ जाना चाहिए।
सरनाइक ने अपने पत्र में कहा था कि हालांकि भाजपा और शिवसेना अब सहयोगी नहीं हैं, लेकिन दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच अच्छे संबंध हैं और शिवसेना को इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
गौरतलब है कि ईडी ने हाल ही में नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) से जुड़े धनशोधन के एक मामले में सरनाइक की 11 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी।
इस बीच, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 40 बागी विधायक एक चार्टर्ड विमान से बुधवार को तड़के गुवाहाटी पहुंच गए। महाराष्ट्र के विधायकों को पुलिस की सुरक्षा में हवाई अड्डे से बसों के जरिए एक लग्जरी होटल ले जाया गया। असम में वर्तमान में भाजपा नीत सरकार है।
गौरतलब है कि इससे पहले शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे ने बगावत करते हुए पार्टी के कुछ विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में डेरा जमाया था। माना जा रहा है कि भाजपा की असम इकाई के शीर्ष नेतृत्व और राज्य सरकार ने शिवसेना के बागी विधायकों के गुवाहाटी में ठहरने का प्रबंध किया है।