चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने गुरुवार को यहां कहा कि चीन भारत पर अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत तक का शुल्क लगाने और उसे और बढ़ाने की धमकी का पूरी तरह विरोध करता है। फेंइहोंगे ने नई दिल्ली में आयोजित एक प्रोग्राम में कहा कि चीन इसका कड़ा विरोध करता है। चुप रहने से दबंगई को बढ़ावा मिलता है। चीन भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। फेइहोंग ने यह भी कहा कि शुल्क और व्यापार युद्ध वैश्विक आर्थिक और व्यापार व्यवस्था को बाधित कर रहे हैं। चीन के राजदूत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत-चीन संबंधों में सुधार का दौर देखा जा रहा है।
भारत और चीन ने मंगलवार को स्थिर, सहयोगी और भविष्यमुखी संबंधों के लिए कई उपायों की घोषणा की थी। इनमें सीमा पर शांति बनाए रखना, सीमा व्यापार को फिर से खोलना, निवेश प्रवाह को बढ़ावा देना और जल्द से जल्द सीधी हवाई सेवा बहाल करना शामिल है।
दोनों एशियाई दिग्गजों की पूर्ण विकास क्षमता को साकार करने के उद्देश्य से की गई ये घोषणाएं उस समय आई हैं जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार और शुल्क नीतियों को लेकर भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ रहा है। हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का निमंत्रण सौंपा था। मोदी ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वह शी जिनपिंग से तियानजिन में मुलाकात के लिए उत्सुक हैं।
चीन और भारत ने इन उपायों को एक संयुक्त दस्तावेज में सूचीबद्ध किया था। इससे पहले इस सप्ताह चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ व्यापक बातचीत की थी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी भेंट की थी।
यहां आईआईसी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चीनी राजदूत ने अमेरिका द्वारा विभिन्न देशों पर लगाए गए शुल्क का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत तक का शुल्क लगाया और इसे बढ़ाने की धमकी भी दी। चीन इसका पूरी तरह विरोध करता है।
चीन और भारत के रिश्ते हो रहे हैं बेहतर
आगामी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए फेइहोंग ने कहा कि उनका देश भारत समेत सभी देशों के साथ मिलकर शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन को आयोजित करने को तैयार है, जिसका उद्देश्य मैत्री, एकता और सकारात्मक परिणाम हासिल करना है
उन्होंने कहा कि हम मिलकर ड्रैगन-एलिफेंट टैंगो का नया अध्याय खोल सकते हैं” यानी भारत और चीन अगर सामंजस्य और सहयोग के साथ आगे बढ़ें, तो वे वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। चीनी राजदूत ने कहा कि पिछले साल रूस के कजान में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद भारत और चीन के रिश्ते लगातार बेहतर हो रहे हैं। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma