नई दिल्ली। सिंघू बॉर्डर पर हुई लखबीर सिंह हत्या के मामले में सियासत जारी है। लखबीर का देर रात पंजाब के तरन तारन में अंतिम संस्कार कर दिया गया। भाजपा ने इस पर सवाल उठाए हैं।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर लखबीर के अंतिम संस्कार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 35 साल के दलित सिख लखबीर सिंह जिनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, उनका रात के अंधेरे में आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिवार को ये भी इजाजत नहीं दी गई कि वो मोबाइल के टॉर्च की रोशनी से लखबीर सिंह के चेहरे को अंतिम बार देख सकें।
मालवीय ने कहा कि ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि वह दलित था। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि पंजाब में मरने वालों की कोई इज्जत नहीं।
उल्लेखनीय है कि 2 दिन पहले सिंघु बॉर्डर पर किसानों के मंच के पास लखबीर सिंह की हत्या हुई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक लखबीर के शरीर पर तीन दर्जन से ज्यादा चोट के निशान पाए गए थे। पुलिस ने इस मामले में 2 निहंगों को गिरफ्तार किया है जबकि 2 अन्य ने सरेंडर किया है।
लखबीर के परिजनों ने बताया कि वो नशे का आदी था और उसे सिंघू बॉर्डर ले जाने के लिए लालच दिया गया था। लखबीर के ससुर ने शुक्रवार को बताया कि उसे वहां जाने का लालच दिया गया। इसकी जांच होनी चाहिए और उसे न्याय मिलना चाहिए।
लखबीर सिंह एक मजदूर के रूप में काम करता था और उसकी बहन ने मीडिया को बताया कि उसने 50 रुपए लिए और कहा कि वह चबल में काम करने जा रहा है और 7 दिनों के बाद वापस आ जाएगा। मुझे लगा कि वह वहां काम करने गया है। वह ऐसा व्यक्ति नहीं था (गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने के लिए)। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।