भारत के पड़ोसी देश नेपाल में पिछले दिनों Gen-Z क्रांति के बाद अब राहुल गांधी के Gen-Z को लेकर सोशल मीडिया पर लिखाी की पोस्ट ने देश में नया सियासी बखेड़ा कर दिया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को Gen-Z को संबोधित करते हुए एक पोस्ट करते हुए लिखा कि देश के Gen-Z संविधान की रक्षा करेंगे।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि "देश के युवा, देश के छात्र, देश की Gen-Z संविधान को बचाएंगे. लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे. मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं. जय हिंद"। राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट के जरिए जेन-जी यानी युवाओं को देश का भविष्य बताया।
अगर देखा जाए तो दक्षिण एशिया के कई देश को हाल के वर्षों में ताख्तापलट का सामना करना पड़ा है। पहले बांग्लादेश, श्रीलंका और अब नेपाल में चुनी हुई सरकार के ताख्तापलट का एक ही तरह का पैटर्न दिखाई दिया। जहां युवा पीढ़ी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई और ताख्तापलट कर दिया। इन देशों के युवा भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, आर्थिक संकट और खराब शासन से तंग आ चुके थे और वह बदलाव की मांग करते हुए सड़क पर उतरे और विद्रोह कर दिया।
विद्रोह और ताख्तापलट के शिकार हुए यह सभी आज अस्थिरता के दौर से गुजर रहे है। भले ही युवाओं ने लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए विद्रोह किया हो लेकिन वह अपनी मंजिल तक पहुंचने में पूरी असफल साबित हुए।
पिछले साल बांग्लादेश में हुए आंदोलन में युवाओं की भूमिका सबसे अहम रही थी। ताख्तापलट के बाद बांग्लादेश की कमान भले ही नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के हाथ में आई हो लेकिन बांग्लादेश में कट्टरपंथी हावी होते दिख रहे है। जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी संगठन देश में बड़ी रैलियां आयोजित कर रहे है जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि कट्टरपंथी ताकतें बांग्लादेश की राजनीति को और अधिक विभाजित कर सकती हैं।
अगस्त 2024 में बांग्लादेश में Gen Z यानि युवा और छात्र सड़क पर उतरे और एक हिंसक आंदोलन के जरिए शेख़ हसीना सरकार का ताख्ता पलट दिया। शेख हसीन को बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी और अब भी वह भारत में रह रही है। बांग्लादेश में भले ही Gen Z ने ताख्ता पलट कर दिया हो लेकिन बांग्लादेश के हालात आज भी अस्थिर है। वहीं ताख्तापलट के एक साल बाद भी बांग्लादेश में चुनाव प्रक्रिया नहीं शुरु हो सकी है और बांग्लादेश आज अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है।
वहीं साल 2022 में भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में युवाओं ने आर्थिक मुद्दों को लेकर आंदोलन किया आज तीन साल बाद भी श्रीलंका की गिनती अस्थिर देशों में होती है। वहीं नेपाल में ओली सरकार के भ्रष्टाचार औक कुप्रबंधन के कारण युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा और ओली सरकार सत्ता से बेदखल हो गई लेकिन नेपाल में अब तक हालात सामान्य नहीं हुए है। अंतिरम सरकार के गठन के बाद एक बार फिर विरोध के सुर सुनाई देने लगे और Gen-Z लगातार धमकी दे रहा है।
ऐसे राहुल गांधी के लोकतंत्र को बचाने के लिए Gen Z को आगे आने की अपील का देश में जमकर विरोध हो रहा है। भाजपा ने राहुल गांधी पर देश को गृहयुद्ध की आग में धकेलने का आरोप लगा दिया है। वहीं कन्नौज से पूर्व भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने यहां तक कह दिया कि अगर भारत में नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी क्रांतियां भड़कती तो लोग कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के घरों में आग लगा देंगे। उन्होंने कहा कि नेपाल में लोग भ्रष्टाचार और बेईमानी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे. अगर यहां भी ऐसी स्थिति पैदा होती है, तो राष्ट्रवादी लोग देशद्रोहियों को सड़कों पर दौड़ा दौड़ा कर पीटेंगे।