समाज में ‘बदलाव के बीज’ बन रहे स्लम एरिया के बच्चे
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के आयोजन में स्लम एरिया के बच्चों ने दिखाई प्रतिभा
दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की हर शाम यूं तो किसी न किसी कला प्रस्तुति की गवाह बनती ही है, लेकिन ये शाम कुछ अलग थी। इसमें नामी फिल्मी सितारे या थियेटर के मंझे हुए कलाकार नहीं थे। इसमें दिल्ली के स्लम एरिया से आने वाले वे बच्चे थे, जिन्होंने यहां मौजूद हर शख्स को अपनी संगीतमय व नाट्य प्रस्तुति से भावविभोर कर दिया।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) की ओर से शुरू किए गए टैलेंट हंट प्रोग्राम मेरी आवाज सुनो के तहत प्यारे लाल भवन में आयोजित कार्यक्रम बदलाव के बीज में हर आंख, स्लम एरिया के बच्चों की प्रस्तुति देखकर आश्चर्यचकित थी। एक साल तक चले टैलेंट हंट के तहत इन बच्चों को चुना गया था। केएससीएफ के इस टैलेंट हंट प्रोग्राम की सहयोगी रही इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बनाने वाली कंपनी बोट।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी, उनकी पत्नी श्रीमती सुमेधा कैलाश, बोट कंपनी के सीईओ विवेक गंभीर, केएससीएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर व रियल एडमिरल राहुल कुमार श्रावत (एवीएसएम) और स्लम एरिया के बच्चों ने द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। नामी कवि, लेखक व लोकगायक नीलोत्पल मृणाल और मशहूर अभिनेता, स्क्रीन राइटर, निर्देशक व फिल्ममेकर आदित्य ओम की भी मौजूदगी रही। डांस, थियेटर व म्यूजिक के क्षेत्र से चुने गए स्लम एरिया के 10 बच्चों को स्कॉलरशिप भी प्रदान की गई, ताकि वे अपने सपनों की उड़ान को पूरा कर सकें।
बच्चों ने बदलाव के बीज नामक इस प्रस्तुति में कैलाश सत्यार्थी की जीवन यात्रा का सजीव चित्रण किया, जो मानवीय करुणा, सहानुभूति और बच्चों के लिए प्यार व उनके अनमोल बचपन की बात करता है। इस भावुक प्रस्तुति के जरिए बाल श्रम, बाल विवाह, बाल यौन शोषण और बाल दुर्व्यापार जैसे बच्चों के खिलाफ किए जा रहे अपराधों पर प्रकाश डाला गया। इसमें दिखाया गया कि कैसे कैलाश सत्यार्थी ने जघन्य अपराधों के शिकार हजारों मासूम बच्चों के जीवन को बचाने की राह पर चलने का साहस किया।
इस मौके पर कानून और न्याय राज्य मंत्री, एसपी सिंह बघेल ने देश भर के सभी बच्चों के लिए समान शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। हमारे देश ने आजादी के बाद देश में सभी बच्चों के लिए एक समान शिक्षा प्रणाली अपनाने का अवसर गंवा दिया। इससे सभी बच्चों को अपनी क्षमताओं को विकसित करने और समान रूप से विकसित होने का समान अवसर मिलता। आज की प्रस्तुति प्रशिक्षित पेशेवरों द्वारा आयोजित अन्य कार्यक्रमों से बहुत अलग थी, यह वास्तविक जीवन और स्वाभाविक थी, बच्चे पेशेवर अभिनेताओं की तरह मंच पर अपना वास्तविक जीवन जी रहे थे। मुझे यकीन है कि इन युवा प्रतिभाओं में से कुछ बच्चे भविष्य में महान अभिनेता बनेंगे।
ये सभी बच्चे बाल मित्र मंडल (बीएमएम) या बच्चों के बाल मित्र समुदाय से आते हैं, जहां बोट कंपनी के सहयोग से केएससीएफ ने एक साल पहले डांस, थियेटर, म्यूजिक और क्रिकेट जैसी गतिविधियों में बच्चों की प्रतिभा की पहचान करने और उन्हें तराशने के लिए टैलेंट हंट कार्यक्रम शुरू किया था। चुने गए बच्चों को पेशेवरों द्वारा प्रशिक्षित किया गया और आज उन्होंने अपनी प्रतिभा से सभी को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया।
बाल मित्र मंडल (बीएमएम) कैलाश सत्यार्थी का एक अभिनव प्रयोग है और इसे साल 2018 में लॉन्च किया गया था। बीएमएम शहरी स्लम एरिया में बाल संरक्षण और चहुंमुखी बाल विकास के लिए कार्य करता है ताकि हर बच्चा सुरक्षित, शिक्षित और आजाद बचपन जी सके।
बोट कंपनी के सीईओ विवेक गंभीर ने कहा, केएससीएफ और मेरी आवाज सुनो पहल के साथ साझेदारी करना सौभाग्य की बात है। कैलाश जी तीन डी के बारे में बताते हैं- बड़े सपने देखें, अपनी पूरी क्षमता का पता लगाएं और अपने सपनों पर अमल करें। तीसरा डी बोट मिशन के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हम बच्चों को उनकी पूरी क्षमता का पता लगाने और हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
केएससीएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर व रियल एडमिरल राहुल कुमार श्रावत(एवीएसएम) ने कहा, ये बच्चे, जो आपके सामने हैं, ये अलग-अलग किरदार में हैं, लेकिन इनका मकसद एक है कि हमारे समाज, मोहल्ला, बस्ती में बाल मजदूरी, बाल विवाह, बाल शोषण, बाल यौन शोषण और बाल दुर्व्यापार का खात्मा हो। उसके लिए ये बच्चे गुडविल एंबेसडर का काम कर रहे हैं।
Edited: By Navin Rangiyal