नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जारी विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जब आप खून से सना सैनेटरी पैड लेकर दोस्त के घर नहीं जा सकते तो फिर भगवान के मंदिर में क्यों जाना चाहते हैं?
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 वर्ष के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी को हटा दिया है। इस बीच, मंदिर के पट तो खुले लेकिन महिलाओं को प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस मंदिर में 10 वर्ष के नीचे की लड़कियां एवं 50 वर्ष से ऊपर की महिलाओं (खासकर जिन्हें मासिक धर्म नहीं होता) के प्रवेश पर पाबंदी नहीं है।
स्मृति ईरानी ने एक कार्यक्रम में कहा कि ईरानी ने एक कार्यक्रम में कहा कि निश्चित ही मुझे पूजा करने का अधिकार है, लेकिन अपवित्र करने का अधिकार कतई नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री होने के नाते मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या आप माहवारी के खून से सने सैनिटरी नैपकिन को लेकर अपने दोस्त के घर जाएंगी? फिर आप भगवान के घर पर उसे लेकर क्यों जाना चाहती हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद मंदिर खुलने के बाद से तनाव की स्थिति बनी रही और प्रतिबंधित उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी चुनौती दी गई, जिस पर शीर्ष अदालत 13 नवंबर को सुनवाई करने वाली है।