CM ममता बनर्जी को लेकर सौमित्र खान की चेतावनी, खतरे में पड़ जाएगा भारत

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 29 अगस्त 2024 (14:23 IST)
Bengal BJP Vice President Saumitra Khan: पूर्वोत्तर भारत को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिए गए बयान पर अब वे खुद ही घिरती दिखाई दे रही हैं। असम और ओडिशा के मुख्‍यमंत्री के बाद अब पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष सौमित्र खान ने ममता पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि न्यायालय और भारत सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, अन्यथा भारत खतरे में पड़ जाएगा। 
 
सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष खान ने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल में रहता हूं और मुझे डर है कि अगर भारत सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती हैं तो ममता बनर्जी 2026 तक सिलीगुड़ी वाले हिस्से में भारत के 'चिकन नेक' को बंद करके पूर्वोत्तर भारत का रास्ता बंद कर देंगी। राजनीति के लिए वे कुछ भी कर सकती हैं। अपनी राजनीति के लिए वह वहां आतंकवादियों और अपराधियों को पनाह दे सकती हैं। न्यायालय और भारत सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए अन्यथा भारत खतरे में पड़ जाएगा। ALSO READ: असम को धमकाने की आपकी हिम्मत कैसे हुई, ममता के बयान पर बोले CM हिमंत
 
क्या कहा था ममता ने : ममता बनर्जी कहा था कि कुछ लोगों को लगता है कि यह बांग्लादेश है। उन्होंने कहा कि मुझे बांग्लादेश से प्यार है क्योंकि वे हमारी तरह ही बात करते हैं, हमारी संस्कृति भी एक जैसी है। लेकिन, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बांग्लादेश और भारत दो अलग देश हैं। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में नेता कोलकाता रेप-मर्डर केस में अपनी पार्टी का इस्तेमाल कर बंगाल में आग लगवा रहे हैं। ममता ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था-  अगर आपने बंगाल को जलाया तो असम, नॉर्थ-ईस्ट, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे। हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे। ALSO READ: ममता बनर्जी गरजीं, बलात्कारियों को मिलेगी मौत की सजा, बंगाल में बनेगा कानून
 
क्या है चिकन नेक : पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी शहर के चारों ओर मौजूद भूमि के विस्तार को चिकन नेक भी कहा जाता है।  यह भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक गलियारा भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। चिकन नेक, नेपाल और बांग्लादेश के बीच 22 किलोमीटर चौड़ा है। इसे दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। चिकन नेक कोरिडोर से तिब्बत की चुंबी घाटी महज 130 किमी की दूरी पर है। भारत, नेपाल और भूटान का ट्राईजंक्शन इस घाटी के सिरे पर है, जिसे डोकलाम के नाम से जाना जाता है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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