कोलकाता। अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिलने पर कोलकाता में जश्न का माहौल है। उनकी एक सहपाठी और एक स्कूल शिक्षक ने कहा कि बनर्जी स्कूल में अध्ययन के समय अंतर्मुखी और विनम्र थे तथा वे बचपन से ही उत्कृष्ट विद्यार्थी थे। साउथ प्वॉइंट स्कूल में बनर्जी की सहपाठी रहीं शर्मिला डे कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि 1971 से 78 तक वे और बनर्जी एक ही कमरे में पढ़े।
उन्होंने कहा कि जिस तरह वे (बनर्जी) कक्षा में गणित के सवालों का हल निकालते थे, हम उससे हमेशा प्रभावित रहते थे। पढ़ाई के अतिरिक्त वे खेल, खासकर फुटबॉल में भी रुचि लेते थे। भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और एक अन्य अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से 2019 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
उत्कृष्टता के गुण बचपन से ही : बनर्जी की गणित की शिक्षक दीपाली सेनगुप्ता ने याद करते हुए कहा कि कक्षा 8 में किस तरह एक अंतर्मुखी और विनम्र लड़का पलभर में सवाल को हल कर देता था। उन्होंने कहा कि बनर्जी में उत्कृष्टता के गुण बचपन से ही दिखने लगे थे। यह पूछे जाने पर कि क्या स्कूल के बाद वे नोबेल विजेता के संपर्क में थीं? उन्होंने इसका जवाब ‘न’ में दिया। सेनगुप्ता ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि उन्हें अब भी गणित की अपनी स्कूल अध्यापिका याद होगी।
नोबेल पुरस्कार मिलना प्रेसीडेंसी विवि के लिए गर्व की बात : प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और स्थानीय साउथ प्वॉइंट स्कूल, कोलकाता ने अपने पूर्व छात्र अभिजीत बनर्जी का अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चयन किए जाने पर सोमवार को खुशी जताई। प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार देवज्योति कोनार ने यहां कहा कि पूरे प्रेसींडेंसी परिवार को बनर्जी पर गर्व है जिनका चयन अर्थशास्त्र के नोबेल के लिए किया गया है।
दो पूर्व छात्रों को मिला नोबेल : उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को खुशी है कि उसके 2 पूर्व छात्रों- अमर्त्य सेन और अब बनर्जी को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उनके योगदान को लेकर नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया। कोनर ने कहा कि बनर्जी हमारे मार्गदर्शक समूह के सदस्य रहे हैं और अर्थशास्त्र विभाग को हमेशा मूल्यवान सुझाव दिए हैं। उन्होंने बताया कि बनर्जी 2018 में प्रेसीडेंसी आए थे और वे जब भी कोलकाता आते हैं, यहां जरूर आते हैं।
प्रोफेसर अंजन मुखर्जी ने किया ई-मेल : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग में बनर्जी के शिक्षक रहे प्रोफेसर अंजन मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने अपने पूर्व छात्र को बधाई देते हुए मैंने उन्हें ई-मेल किया है। वे बहुत अच्छे छात्र थे, सर्वश्रेष्ठ छात्रों में से एक। हमेशा उम्मीद थी कि वे बहुत आगे जाएंगे और ऐसा हुआ भी।
मुखर्जी ने कहा कि जब उनकी किताब 2008 में आई थी तो तभी हमें लगा था कि उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलेगा। हम सब यह उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें मिलेगा। बनर्जी ने जेएनयू से अर्थशास्त्र में मास्टर्स परास्नातक डिग्री हासिल की है।
मुखर्जी ने कहा कि भारत में ऐसे शिक्षकों की संख्या ज्यादा नहीं है, जो यह कह सकें कि उन्होंने नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाले छात्रों को पढ़ाया है। सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स स्टडीज एंड प्लानिंग से जुड़े हम सभी गर्व से यह बात कह सकते हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने कहा कि बनर्जी की उपलब्धि पर उन्हें गर्व है।
कुमार ने ट्वीट किया कि जेएनयू के पूर्व छात्र (अर्थशास्त्र में एमए, 1983) प्रोफेसर अभिजीत विनायक बनर्जी को (दो अन्य अर्थशास्त्रियों के साथ) नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार उन्हें वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए दिया गया है। जेएनयू को उनकी उपलब्धि पर गर्व है। हमारे पूर्व छात्र जेएनयू के मार्ग प्रदर्शक हैं। मुझे उन पर गर्व है।
साउथ प्वॉइंट स्कूल ने भी बनर्जी की उपलब्धि पर खुशी जताई। बनर्जी ने यहीं से स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी। स्कूल बोर्ड के प्रवक्ता और न्यासी सदस्य कृष्ण दमानी ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है। उनकी उपलब्धि छात्रों को प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि साउथ प्वॉइंट के छात्र रोमांचित होंगे जब वे सोचेंगे कि बनर्जी उसी रास्ते से आते जाते थे और स्कूल के छात्र के रूप में उसी ब्लैक बोर्ड से पढ़ाई करते थे।
शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ने दी बधाई : पश्चिम बंगाल के शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ने बनर्जी और उनकी पत्नी को बधाई दी और कहा कि यह राज्य के लिए गौरव का क्षण है। प्रेसीडेंसी पूर्व छात्र संघ ने भी अभिजीत बनर्जी की उपलब्धि पर खुशी जताई और कहा कि यह गर्व की बात है। एसोसिएशन ने एक बयान में बनर्जी और उनकी पत्नी को बधाई दी।