प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को द्वीपीय राष्ट्र में तमिल समुदाय (Tamil community) के लिए सम्मानजनक एवं गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लिए भारत की अपेक्षाओं के बारे में अवगत कराया। मोदी और विक्रमसिंघे के बीच व्यापक बातचीत में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा और प्रधानमंत्री ने श्रीलंकाई संविधान में 13वें संशोधन के कार्यान्वयन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
श्रीलंका में तमिल समुदाय 13वें संशोधन को लागू करने की मांग कर रहा है, जो उसे सत्ता के हस्तांतरण का प्रावधान करता है। वर्ष 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के बाद 13वां संशोधन पेश किया गया था।
वार्ता के बाद मीडिया को जारी बयान में विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने इस सप्ताह पेश किए गए उस व्यापक प्रस्ताव को मोदी के साथ साझा किया है जिसमें सामंजस्य को मजबूत करने, हस्तांतरण के माध्यम से सत्ता साझा करने और उत्तर विकास योजना के कई तत्वों का जिक्र है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति 2 दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को दिल्ली पहुंचे।
मोदी ने कहा कि हमने श्रीलंका में पुनर्निर्माण और समाधान के बारे में भी बात की। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने मुझे अपने समावेशी दृष्टिकोण के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि श्रीलंका सरकार तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। समानता, न्याय और शांति के लिए पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी तथा 13वें संशोधन को लागू करने और प्रांतीय परिषद चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि श्रीलंका सरकार देश के तमिल समुदाय के लिए सम्मानजनक और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करेगी। भारत-श्रीलंका राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मूल के श्रीलंकाई तमिल नागरिकों के वास्ते 75 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि भारतीय मूल का तमिल समुदाय श्रीलंका में अपने आगमन के 200 साल पूरे कर रहा है। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि इस अवसर पर श्रीलंका के भारतीय मूल के तमिल नागरिकों के लिए 75 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाएं लागू की जाएंगी। मोदी ने कहा कि भारत इसके साथ ही श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों के विकास कार्यक्रमों में भी योगदान देगा।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रेसवार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका में तमिल लोगों की आकांक्षाओं का मुद्दा उठाया और 13वें संशोधन के पूर्ण कार्यान्वयन के संबंध में भारत की स्थायी स्थिति को दोहराया। विदेश सचिव ने कहा कि मोदी ने विक्रमसिंघे को बताया कि भारत एक ऐसे राजनीतिक समाधान की आशा रखता है, जो एकजुट एवं समृद्ध श्रीलंका के ढांचे के भीतर समानता, न्याय और आत्मसम्मान के लिए तमिल समुदाय की आकांक्षाओं का ख्याल रखता हो।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)
Edited by: Ravindra Gupta