लखनऊ। आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्रीश्री रविशंकर ने गुरुवार को अयोध्या आ रहे हैं। वे यहां राम मंदिर मामले पर सभी पक्षों से चर्चा करेंगे। इससे पहले उन्होंने बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व कई हिंदू संगठनों से चर्चा की।
श्रीश्री रविशंकर के नजदीकी सूत्रों के अनुसार वह पक्षकार धर्मदास, निर्मोही अखाड़ा के प्रतिनिधि, श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास, सदस्य राम विलास दास वेदान्ती, बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी और हाजी महबूब से मिलेंगे। वह बातचीत के जरिये इस विवाद के निपटारे की कोशिश में लगे हैं।
उधर, विहिप ने बयान जारी कर साफ कहा कि बातचीत की जरूरत नहीं है। पुरातत्व सबूत हिंदुओं के पक्ष में हैं और कोर्ट सबूतों से चलती है। वहीं अभा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि श्रीश्री बताएं उनका क्या नया फॉर्मूला है, क्योंकि 12 साल पहले उनकी ऐसी कोशिश विफल हो चुकी है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के नेताओं ने इस मामले में श्रीश्री से बातचीत करने से इनकार कर दिया है।
उधर, आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के प्रतिनिधि गौतम विग ने कहा कि श्रीश्री हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों को सुन रहे हैं। फिलहाल समाधान का कोई फॉर्मूला या प्रस्ताव तैयार नहीं है। दोनों पक्षों का रवैया बहुत सकारात्मक है।
अयोध्या आंदोलन से जुड़े संत रामविलास वेदांती ने कहा कि जेल गए हम, लाठियां खाईं हमने और अचानक से श्रीश्री रविशंकर कहां से आ गए? रविशंकर तब कहां थे जब हम संघर्ष कर रहे थे? अयोध्या में राम मंदिर बनेगा तो ठीक है, वरना किसी भी कीमत पर मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को अयोध्या विवाद बातचीत से हल करने का सुझाव दिया था। कोर्ट 5 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगी। इसके एक दिन बाद अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने की 25 वीं बरसी है।