मेरठ। गुरुवार की सुबह जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए मेरठ के सूबेदार रामसिंह भंडारी शहीद हो गए। रामसिंह 48 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। बीती बुधवार की देर रात्रि राजौरी में आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चल रहा था। इस ऑपरेशन में 2 आतंकियों को मार गिराया गया, लेकिन घात लगाकर बैठे एक आतंकी ने बर्स्ट मार दिया, जिसकी चपेट में सूबेदार रामसिंह आ गए और उनके शरीर से अत्यधिक खून बह गया, जिसके चलते डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
सूबेदार रामसिंह का परिवार मेरठ मवाना रोड स्थित ईशा नगर में रहता है। उनके पांच बच्चे हैं, जिसमें एक बेटा और चार बेटियां है। गुरुवार की सुबह रामसिंह ने अपनी पत्नी से फोन पर बात की थी कि वेराजौरी में आतंकी को ढूंढ रहे हैं, घबराने की कोई बात नहीं है। फोन करने के कुछ समय पश्चात ही वे आतंकी की गोली का निशाना बने और शहीद हो गए।
जैसे ही उनके शहीद होने की खबर परिवार को मिली, तो घर में कोहराम मच गया। शहीद के आसपास के घरों में मातम पसर गया है। देश के लिए दी गई शहादत पर उनके बेटे को गर्व है और वे भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते हैं। शहीद सूबेदार ने हमेशा अपने बच्चों को शिक्षा दी कि पहले देश है, फिर परिवार। देश की सेवा का जब भी मौका मिले तो उसे जरूर करना।
शहीद रामसिंह का पार्थिव शरीर अभी उधमपुर में रखा गया है और शुक्रवार को मेरठ लाया जाएगा। सेना के 16 गढ़वाल में शामिल हुए सूबेदार रामसिंह मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के निवासी थे, लेकिन लंबे समय से मेरठ में परिवार के साथ रह रहे थे। लगभग 2 साल से वे राष्ट्रीय राइफल के साथ कार्यरत थे और फरवरी 2022 में वे सेवानिवृत्त होने वाले थे।