जम्मू। एलओसी से सटी राजौरी जिले को आतंकवाद ने एक बार फिर से कई सालों बाद अपनी चपेट में ले लिया है। देर रात को हुआ ग्रेनेड हमला इसकी पुष्टि करता था तो पिछले 1 माह में होने वाली कई मुठभेड़ें बताती थीं कि आतंकी इस जिले में कहर बरपाना चाहते हैं। अधिकारी भी मानते हैं कि राजौरी में फिर से आतंकवाद को जिंदा करने की साजिशें रची जा रही हैं। गुरुवार को भाजपा कार्यकर्ता के घर आतंकी हमले ने इस आशंका को फिर से सही साबित कर दिया है।
पिछले वर्ष खाड़ली पुल के साथ सटे क्षेत्र मैरा में एसएसपी कौशल शर्मा के घर पर देसी बम से विस्फोट हुआ था। उस समय प्रशासन ने इसे आतंकी घटना मानने से इंकार कर दिया था। इसके बाद कोटधड़ा के काली माता मंदिर में ग्रेनेड हमला हुआ, लेकिन ग्रेनेड विस्फोट करने वाले अभी तक गिरफ्तार नहीं हो पाए। पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में लगातार संदिग्ध देखे जाने की सूचनाएं मिल रही हैं, तलाशी अभियान भी चलाए गए, लेकिन कोई भी संदिग्ध काबू में नहीं आया। अब गुरुवार की देर रात को ग्रेनेड हमले यह बात साबित कर दी कि क्षेत्र में अभी भी आतंकवाद मौजूद है।
राजौरी जिला नियंत्रण रेखा से सटा है और घुसपैठ के नजरिए से संवेदनशील है। पुराने समय से यह कश्मीर में जाने के लिए आतंकियों का ट्रांजिट रूट रहा है। खांडली पुल क्षेत्र में भाजपा मंडल अध्यक्ष जसबीर सिंह के घर पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद लोगों को पुराने दहशतभरे दिन फिर से याद आकर डराने लगे हैं। 2002-05 तक राजौरी शहर में ग्रेनेड हमले व विस्फोट एक आम बात बन गई थी। इन धमाकों में कई लोगों की मौत हुई थी। अब जब फिर से ग्रेनेड विस्फोट की जानकारी लोगों को मिली तो लोगों में एक बार फिर से डर का माहौल बन गया और लोग यह कह रहे हैं कि कहीं फिर से पुराने दिन न देखने पड़ें।