पिछले दिनों एक महिला ने शॉर्ट्स पहने लड़कियों को तंज करते हुए कहा था कि ऐसी लड़कियों का ही रेप होता है। इस घटनाक्रम की प्रतिक्रिया स्वरूप करारा जवाब दिया है बोस्टन की तन्वी टंडन ने। उनकी टीम ने व्यंग्य करते नामों के साथ कुछ काल्पनिक पहनावे लांच किए हैं। इनके नाम सुपर संस्कारी एंटी रेप साड़ी, लॉन्ज वियर साड़ी, बिकनी उर्फ बिकी नहीं, आइटम नंबर साड़ी आदि।
तन्वी और उनकी टीम का मानना है कि यह मानसिकता ही अजीब है कि किसी ने कम कपड़े पहने हैं तो उसका रेप होना तय है या उसकी संभावना बढ़ जाती है जबकि आए दिन हम छोटी छोटी बच्चियों से दुष्कर्म की खबरें सुन रहे हैं।
तन्वी एक ऐसी ही वेबसाइट की संचालक है जो इसी तरह के मुद्दे भी उठाती है। उनकी टीम ने व्यंग्य के जरिये अपना विरोध दर्ज कराने की कोशिश की है। अच्छी बच्ची साड़ी के जरिये उन्होंने नन्ही बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म पर तीखा प्रहार किया है। वहीं एंबिशियस ऑफिस साड़ी के जरिये वे कहना चाहती हैं कि आखिर कहां कौन सा पहनावा आपको रेप से बचाता है जबकि हर जगह निम्नस्तरीय मानसिकता के लोग आपको मिल जाएंगे। एक साड़ी के बारे में उनका कहना है कि इसे पहनने से आप गायब हो जाएंगे और जब आपका कोई अंग दिखेगा ही नहीं तो भला रेप कैसे होगा।
तन्वी का कहना है कि यौन उत्पीड़न पर गंभीर सोच की जरूरत है और वह हो भी रहा है पर हमने ऐसी सोच वालों का अपने तरीके से मज़ाक उड़ाने की सोची है जो सिर्फ और सिर्फ पहनावे को रेप का दोषी मानते हैं। दरअसल रेप करने वाले के दिमाग में होता है, जिसे यह नीच कर्म करना है वह सिर्फ महिला, लड़की या बच्ची देखता है उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसने पहना क्या है क्योंकि रेप करना उसके विकृत दिमाग की उपज है।
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि इस देश में 2 माह की बच्ची से लेकर 70 साल की वृद्धा तक की अस्मिता पर हमला किया जाता है। हमारी यह पेशकश व्यंग्य करती है उन लोगों को जो आज भी रेप के लिए स्त्री और उसके कपड़ों को जिम्मेदार मानते हैं।