सुप्रीम कोर्ट सख्त, गोरक्षा के नाम पर भीड़ को हिंसा की इजाजत नहीं दे सकती है सरकार

Webdunia
मंगलवार, 17 जुलाई 2018 (10:50 IST)
नई दिल्ली। गोरक्षा के नाम पर होने वाली भीड़ की हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को संसद से गोरक्षा के नाम पर कानून बनाने पर विचार करने को कहा है। 
 
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि भीड़ को हिंसा की इजाजत नहीं की जा सकती। अदालत ने कहा कि शांति स्थापित करना राज्य सरकारों का दायित्व है। हिंसा फैसाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। किसी को कानून हाथ में लेने का हक नहीं। 
 
उल्लेखनीय है कि गोरक्षा के नाम पर हो रही भीड़ की हिंसा पर रोक लगाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी।
 
याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये राज्य सरकारों का दायित्व है कि वह इस तरह से हो रही भीड़ की हिंसा को रोकें ये सिर्फ कानून व्यवस्था का सवाल नहीं है, बल्कि गोरक्षा के नाम पर भीड़ की हिंसा क्राइम है। अदालत इस बात को स्वीकार नहीं कर सकती कि कोई भी कानून को अपने हाथ में ले।
 
गोरक्षा के नाम पर हिंसक गतिविधियों पर रोक के लिए गाइडलाइंस जारी करने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उक्त टिप्पणी करते हुए फैसला 17 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रखा था। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख