Electoral bond : चुनावी बॉन्ड योजना पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बहुत बड़ा झटका दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले पांच सालों के चंदे का हिसाब-किताब भी मांग लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को लेकर अपने तर्क दिए हैं। अगले दो महीनों के बाद देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में जाहिर है इससे चुनावों पर भी फर्क पड़ेगा।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने कुछ समय पहले राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदों की जानकारी दी थी। जानते हैं किस पार्टी को कितना चंदा मिला।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2022-23 में लगभग 720 करोड़ रुपए का चंदा प्राप्त करने की जानकारी दी है, जो 4 अन्य राष्ट्रीय दलों- कांग्रेस, आम आदमी पीर्टी (AAP), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) को प्राप्त कुल राशि से 5 गुना अधिक है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने यह जानकारी दी है।
एडीआर द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय दलों को (20 हजार रुपए से अधिक के) 12,167 चंदों से कुल 850.438 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। देश की छठी राष्ट्रीय पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने घोषणा की कि उसे वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 20,000 रुपए से अधिक का कोई चंदा नहीं मिला। वह इस तरह की जानकारी पिछले 17 वर्षों से देती आ रही है।
पंजीकृत राजनीतिक दलों के लिए एक वित्तीय वर्ष में उन्हें प्राप्त 20,000 रुपए से अधिक के व्यक्तिगत चंदे का खुलासा करना अनिवार्य है। भाजपा ने 7,945 चंदों के माध्यम से 719.858 करोड़ रुपए और कांग्रेस ने 894 चंदों से 79.924 करोड़ रुपए हासिल होने की जानकारी दी है।
भाजपा द्वारा घोषित चंदा इसी अवधि के लिए कांग्रेस, आप, एनपीपी और माकपा द्वारा घोषित कुल चंदे की तुलना में पांच गुना अधिक है। एनपीपी पूर्वोत्तर की एकमात्र राजनीतिक पार्टी है, जिसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है। एडीआर ने यह भी बताया कि दिल्ली से राष्ट्रीय दलों को कुल 276.202 करोड़ रुपए, उसके बाद गुजरात से 160.509 करोड़ रुपए और महाराष्ट्र से 96.273 करोड़ रुपए का चंदा मिला।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय दलों का कुल चंदा 91.701 करोड़ रुपए बढ़ गया, जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 12.09 प्रतिशत अधिक है। एडीआर ने कहा कि भाजपा को प्राप्त चंदे की राशि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 614.626 करोड़ रुपए से 17.12 फीसदी बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 719.858 करोड़ रुपए हो गया।
हालांकि वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पार्टी के चंदे में 41.49 प्रतिशत की कमी आई। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कांग्रेस का चंदा 95.459 करोड़ रुपए था, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 16.27 प्रतिशत की गिरावट से 79.924 करोड़ रुपए पर आ गया।
Edited by Navin Rangiyal