आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पुलिस को दी हिदाय‍त

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 (23:30 IST)
Supreme Court flags untenable prosecution for abetting suicide : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय दंड संहिता के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध को केवल मृतक के दुखी परिवार के सदस्यों की भावनाओं को शांत करने के लिए किसी व्यक्ति के खिलाफ यांत्रिक तरीके से नहीं लगाया जाना चाहिए।
 
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि जांच एजेंसियों को संवेदनशील बनाया जाना चाहिए ताकि किसी व्यक्ति को पूरी तरह से अस्थिर अभियोजन की प्रक्रिया के दुरुपयोग का नुकसान न उठाना पड़े। पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि आईपीसी की धारा 306 का इस्तेमाल पुलिस द्वारा लापरवाही से और बहुत हल्के में किया जाता है। वास्तविक मामलों में शामिल व्यक्तियों को नहीं बख्शा जाना चाहिए, लेकिन इस प्रावधान को केवल मृतक के दुखी परिवार की भावनाओं को शांत करने के लिए व्यक्तियों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।’’
ALSO READ: मनीष सिसोदिया का दावा, AAP बनाएगी दिल्ली में सरकार, केजरीवाल बनेंगे मुख्‍यमंत्री
अदालत ने कहा, ‘‘प्रस्तावित अभियुक्त और मृतक के आचरण, मृतक की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु से पहले उनकी बातचीत और वार्तालाप को व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए और जीवन की दिन-प्रतिदिन की वास्तविकताओं से अलग नहीं किया जाना चाहिए। आदान-प्रदान में प्रयुक्त अतिशयोक्ति को, बिना किसी अतिरिक्त कारण के, आत्महत्या करने के लिए उकसाने के रूप में महिमामंडित नहीं किया जाना चाहिए।’’
 
शीर्ष अदालत ने कहा कि निचली अदालत को भी ‘बहुत सावधानी और सतर्कता’ बरतनी चाहिए और यांत्रिक रूप से आरोप तय करके खुद को बचाने का रवैया नहीं अपनाना चाहिए, भले ही मामले में जांच एजेंसियों ने धारा 306 के तत्वों के प्रति पूरी तरह से उपेक्षा दिखाई हो।
 
यह निर्णय महेंद्र अवासे नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर आया, जिसमें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने आईपीसी की धारा 306 के तहत दंडनीय अपराधों से उसे मुक्त करने की उसकी प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया था।
ALSO READ: दर्द में चीखे एक्टर, मैं सैफ अली खान हूं, जल्दी स्ट्रेचर लाओ, ऑटोवाले ने सुनाई उस रात की कहानी
रिकॉर्ड के अनुसार, एक व्यक्ति ने आत्महत्या करके अपनी जान दे दी और एक नोट छोड़ा, जिसमें उसने उल्लेख किया कि अवासे द्वारा उसे परेशान किया जा रहा था। सुसाइड नोट के अलावा, गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनसे पता चला कि मरने वाला व्यक्ति परेशान था क्योंकि अवासे उसे ऋण चुकाने के लिए तंग कर रहा था। इनपुट भाषा

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

क्या है सिंधु जल समझौता, जिसे भारत ने रद्द कर पाकिस्तान को दिया बड़ा झटका

पहलगाम हमले के बाद CCS Meeting के 5 बड़े फैसले कैसे तोड़ देंगे Pakistan की कमर

पहलगाम हमले में 2 लोकल के साथ शामिल थे 7 आतंकी, 3 दिन कश्मीर के लिए भारी, कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के निर्देश

एयरस्ट्राइक के खौफ में पाकिस्तान, PoK में खाली कराए टेरर ट्रेनिंग कैंप, क्या है भारत की रणनीति

हमले का खुफिया इनपुट था फिर चूक कैसे हुई?

सभी देखें

नवीनतम

जेल में बंद अपराधी कोई गुलाम नहीं, हाईकोर्ट ने क्‍यों की यह टिप्‍पणी

आसानी से भर सकेंगे आयकर, ‘ई-पे टैक्स’ सुविधा शुरू

एक राष्ट्र एक चुनाव विकसित भारत की आधारशिला : धर्मेंद्र प्रधान

Pahalgam Terror Attack : भारत के कड़े फैसले से तिलमिलाया पाकिस्तान, ताबड़तोड़ बुलाई हाईलेवल मीटिंग

LIC अधिकारी को आतंकियों ने कलमा पढ़ने के लिए कहा था, CM डॉ. मोहन यादव ने सुशील नथानियल की पार्थिव देह को दी श्रद्धांजलि

अगला लेख