नई दिल्ली। एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई बलात्कार की शिकायत और पूर्व मंत्री के खिलाफ साजिश के आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी को अंतिम जांच रिपोर्ट निचली अदालत को सौंपने का आदेश देने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
न्यायालय ने 3 फरवरी, 2022 को उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए स्थगनादेश पारित किया। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में एसआईटी को अपनी रिपोर्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंपने को कहा था।
पूर्व मंत्री रमेश जरकिहोली की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है और मामला विशेष एमएलए/एमपी अदालत में चला गया है। इस पर पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय को इस मामले में फैसला करने दें। इस बीच एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई ना की जाए। पीड़िता की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह और वकील अमन पवार पेश हुए। एसआईटी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट सक्षम अदालत को सौंप दी गई है जो उस पर बाद में विचार करेगी।