अयोध्या राम मंदिर मामले पर सुनवाई टली, अब जनवरी में तय होगी नई तारीख

Webdunia
सोमवार, 29 अक्टूबर 2018 (08:01 IST)
नई दिल्ली।उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की विवादित जमीन से संबंधित मामले की सुनवाई जनवरी तक स्थगित कर दी है।
 
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जनवरी, 2019 में यह मामला उचित पीठ के समक्ष पेश किया जाएगा। मामले की जल्द सुनवाई की दलीलों के बीच न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि हमारी अन्य प्राथमिकताएं भी हैं। मामले की अगली सुनवाई की तारीख अथवा नई पीठ के गठन के संबंध में कोई फैसला आज नहीं किया गया।
 
उच्चतम न्यायालय ने 27 सितंबर को इस्माइल फारुकी मामले में अपने 1994 के फैसले पर पुनर्विचार करने से इंकार कर दिया था जिसमें कहा गया था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और मुसलमान कहीं भी नमाज पढ़ सकते हैं, यहां तक कि खुले में भी।
 
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने 2:1 के बहुमत का फैसला सुनाते हुए कहा था कि इस्माइल फारुकी मामले में इस न्यायालय का 1994 का फैसला भूमि अधिग्रहण से जुड़ा और विशेष संदर्भ में था। अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई में उस बिंदु को शामिल नहीं किया जा सकता।

ALSO READ: अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद का इतिहास
खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नज़ीर हैं। न्यायमूर्ति भूषण ने अपनी और मुख्य न्यायाधीश की ओर से फैसला पढ़ा जबकि न्यायमूर्ति नज़ीर ने असहमति का फैसला सुनाया।
 
उच्चतम न्यायालय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 30 सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई थीं जिन पर शीर्ष न्यायालय में सुनवाई की जानी है। शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को यह भी स्पष्ट कर दिया कि मामले की सुनवाई की अगली तारीख भी जनवरी, 2019 में तय की जाएगी।
 
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में बराबर-बराबर बांट दिया जाए। उच्चतम न्यायालय में पिछले आठ वर्ष से यह मामला चल रहा है।
 
गौरतलब है कि 16वीं शताब्दी में निर्मित बाबरी मस्जिद को 1992 में लाखों कारसेवकों ने ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने इसे भगवान राम का जन्म स्थान बताते हुए यहां राम मंदिर निर्माण की मांग की थी। उसके बाद से यह मामला हमेशा चर्चा में रहा है और 2014 के आम चुनाव में यह भाजपा के घोषणा पत्र का एक महत्वपूर्ण मुद्दा भी था।  (एजेंसी)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाया 25 प्रतिशत टैरिफ, क्या बोली मोदी सरकार

RBI क्यों खरीद रहा भर-भर कर सोना, क्या देश में आने वाला है संकट, जानिए सच

प्रेमानंदजी का जवाब सुन देश की महिलाएं भड़क गईं, आखिर क्या है पूरा मामला

22 दिनों तक जवानों ने ड्रोन से भेजा खाना खाया, कैसे किया आतंकियों का काम तमाम, अमित शाह ने बताया पूरा ऑपरेशन

राज्यसभा में किसने ट्रंप को बताया चाचा चौधरी, संसद से कर दी यह मांग

सभी देखें

नवीनतम

Weather Update : राजस्थान में भारी बारिश का कहर, कई नदियां उफान पर, बांधों के गेट खोले

'हिट एंड रन' केस में असमिया फिल्म अभिनेत्री गिरफ्तार, दुर्घटना में एक युवक की हुई थी मौत

हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता, संसद में खूब गरजे अमित शाह

भारत के साथ व्यापार वार्ता से क्‍यों निराश हैं डोनाल्‍ड ट्रंप?

इंदौर में कावड़ियों को तेज रफ्तार वाहन ने मारी टक्‍कर, 1 कावड़िए की मौत, 6 घायल

अगला लेख