सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया मराठा आरक्षण, बताया समानता के अधिकार का उल्लंघन

Webdunia
बुधवार, 5 मई 2021 (11:31 IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकारी नौकरियों और दाखिले में मराठा समुदाय को आरक्षण देने संबंधी महाराष्ट्र के कानून को खारिज किया और इसे असंवैधानिक करार दिया।
 
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता में जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस हेमंत गुप्ता और एस जस्टिस रवींद्र भट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मामले पर फैसला सुनाया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि आरक्षण की अधिकतम सीमा 50% से अधिक नहीं हो सकती। अदालत ने कहा कि यह समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

अदालत ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत पर तय करने के 1992 के मंडल फैसले को वृहद पीठ के पास भेजने से इनकार किया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: अडाणी मामले में भारी हंगामा, संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही स्थगित

उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने मंच से पढ़ा कलमा, अजान के लिए रोका भाषण, हिंदू संगठन ने की माफी की मांग

Delhi Pollution: दिल्ली की air quality में आया थोड़ा सुधार, खराब श्रेणी के करीब पहुंची

अडाणी ग्रीन एनर्जी का दावा, गौतम अडाणी ने नहीं किया FCPA का उल्लंघन

अगला लेख