Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

श्रीराम मंदिर के शिखर पर फहराई जाने वाली ध्वजा पर अंकित चिह्नों का भी है खास महत्व

Advertiesment
हमें फॉलो करें Flag hoisting on the top of Ram Temple
webdunia

संदीप श्रीवास्तव

, सोमवार, 24 नवंबर 2025 (09:08 IST)
Flag hoisting on the top of Ram Temple: अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण पूर्ण होने बाद 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व संघ प्रमुख भागवत द्वारा राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराई जाएगी, जिसकी तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। मंदिर के शिखर पर फहराए जाने वाली धर्म ध्वजा बड़ी ही खास है और इस पर बने प्रतीक चिन्हों का भी खास अर्थ है। ये ध्वजा केसरिया रंग की होगी, जिसे ज्वाला, तप, त्याग व प्रकाश का प्रतीक माना जाता है। यह रंग सनातन का भी प्रतीक है। इस ध्वजा पर सूर्यदेव भी अंकित हैं, जो श्रीराम के सूर्यवंश का प्रतीक हैं। ध्वजा पर अंकित ॐ परमात्मा का प्रथम नामाक्षर एवं चेतना व शाश्वत सत्य का प्रतिनिधित्व करता है। इस धर्म ध्वजा पर कोविदार वृक्ष भी अंकित है, जो कि अयोध्या के राजवंशीय राज चिन्ह के रूप में जाना जाता है। इसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण व हरिवंश पुराण में भी है। 
                                                               
क्या कहते है साधु-संत और विद्वान : जगद्गुरु करपात्री जी महराज ने राम मंदिर के शिखर पऱ फहराए जाने वाली धर्म ध्वजा के बारे में बताते हुए कहा कि केसरिया ध्वज प्रमाणित करता है सूर्यवंश व सनातन को। उन्होंने 22 का मतलब बताते हुए कहा कि 22 से तात्पर्य परमात्मा श्रीराम की उपस्थिति से है। 
 
अयोध्या के संत दिवाकराचार्य ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर केसरिया धर्म ध्वज फहराया जाएगा वो कि विश्व की मंगलकामना के लिए है। यह श्रीराम जन्मभूमि से धर्म का संदेश देने का कार्य है और सनातन की परंपरा रही है कि किसी कार्य के पूर्ण होने पर ध्वजारोहण करते हैं। उसी प्रकार जब राम मंदिर के निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है तो यह उसकी पूर्णाहुति है। इसका प्रतीक है राम मंदिर के शिखर पर फहराए जाने वाली धर्म ध्वजा।
webdunia
अयोध्या की प्राचीन दंत धावंत कुंड आचार्य मंदिर के महंत विवेक आचार्य ने बताया कि राम मंदिर के शिखर पर जो ध्वज फहराया जाएगा, वह ध्वज उसी तरह से है, जब त्रेता युग में श्रीराम का राज हुआ करता था। उस युग में जो ध्वज था यह उसका ही प्रतीक है। क्योंकि रामायण व रामचरित मानस से इसकी परिकल्पना ली गई है। इस ध्वज में जिन प्रतीकों का समावेश किया गया है, वह बड़ा ही दिव्य है। इस ध्वज में संपूर्ण राष्ट्र को बांधने की क्षमता है, जिसे विधि-विधान के साथ फहराया जाएगा।

ध्वज हमारे सनातन में विजय व यश का प्रतीक भी है। महाराजा दशरथ चक्रवर्ती सम्राट थे, जहां से सूर्य उगता था और जहां अस्त होता था, वहां तक उनका साम्राज्य था। इसीलिए यह धर्म ध्वज बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह ध्वज 11 मीटर चौड़ा व 22 मीटर लंबा होगा। उन्होंने बताया कि इस ध्वज की लम्बाई व चौड़ाई के जो अंक है उसका भी बड़ा महत्व है। 11 गुणा 22 किया जाए तो 242 आएगा और 242 को जोड़ा जाय तो पूर्णांक 8 आएगा और 8 शनि देव का अंक है और शनि न्याय के देवता हैं। इसका अर्थ है कि मर्यादा में रहोगे तो स्वस्थ रहोगे। 
 
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने धर्म ध्वजा के लिए कहा कि धर्म ध्वजा सदा ही आध्यात्मिक सर्वोच्चता, संपूर्णता, ऊर्जा और मंगल का प्रतीक होती है। 25 नवंबर को धर्म ध्वजा श्रीराम मंदिर की पूर्णता का प्रतीक होगी और इसके साथ इतिहास के बड़े कलंक का नाश भी हो जाएगा। अयोध्या उऋण हो जाएगी। 
 
अयोध्या झुनकी घाट के महंत करुणा निधान शरण ने कहा कि सनातन धर्म ध्वजा में ही समाहित है। जब हम लोगों ने राम मंदिर के लिए आंदोलन किया था तब ये सोचा था कि हमारा ध्वज जब राम जन्मभूमि के शिखर पर फहराएगा तो तो स्वतः ही सनातन धर्म चारों दिशाओं में फैलेगा। ध्वज हमारी विजय का भी प्रतीक है। महंत माधव दास ने बताया कि भगवान के सभी कार्य मांगलिक होते हैं। 25 नवंबर को श्रीराम विवाह पंचमी जैसा शुभ मुहर्त भी है, जो कि वर्ष मे एक बार आता है। भारत आर्यावर्त व सनातन देश है। धर्म ध्वजा से पूरे देश में धर्म का संदेश जाएगा। 
 
राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने बताया कि 500 वर्षों संघर्षों के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है और अब 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के शिखर पर ध्वजा रोहण करेंगे, इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है और 7000 से अधिक मेहमानों का आमंत्रित किया गया है, जो ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होंगे।
 
360 डिग्री घूम सकती है धर्म ध्वजा : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर फहरने वाली ध्वजा को आधुनिक ऑटोमैटिक फ्लैग होस्टिंग सिस्टम के जरिए शिखर पर लगाया गया है। प्रधानमंत्री के बटन दबाते ही 10 सेकंड के अंदर ध्वजा ऊपर उठेगी और हवा के साथ 360 डिग्री पर घूम सकेगी। मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर 42 फुट ऊंचा स्तंभ बनाया गया है। इसी पर 22 फुट लंबी और 11 फुट चौड़ी केसरिया ध्वजा फहराई जाएगी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अयोध्या का वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में बड़ा योगदान, सालाना 4 लाख करोड़ का होगा कारोबार