नई दिल्ली। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद वहां तालिबान का खतरा बढ़ता जा रहा है। भारत ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कंधार स्थित अपने कॉन्सुलेट से कुछ स्टाफ को वापस बुला लिया है। हालांकि काबूल में स्थित भारतीय दूतावास के साथ ही कंधार और बाल्ख प्रांत में मजार-ए-शरीफ पर कॉन्सुलेट को फिलहाल बंद नहीं किया गया है।
इससे पहले कुछ मीडिया खबरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कंधार में कॉन्सुलेट को बंद कर दिया गया है। बहरहाल समाचार एजेंसी एएनआई ने डिप्लोमैटिक सूत्रों के हवाले से कहा कि कंधार में कॉन्सुलेट बंद करने संबंधी खबरें गलत हैं और यहां मिशन काम करता रहेगा।
जो बाइडन का बड़ा बयान : इससे पहले गुरुवार को पत्रकारों की ओर से अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि उन्हें अफगानी सुरक्षाबलों पर भरोसा है।
उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का खंडन करते हुए कहा था कि यह मुमकिन नहीं है। उनका कहना था कि तालिबान के पास करीब 75 हजार लड़ाके हैं जिनका मुकाबला अफगानिस्तान सुरक्षाबलों के तीन लाख जवानों से मुमकिन नहीं।
तालिबान का जवाब : मॉस्को के दौरे पर गए तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख शहाबुद्दीन दिलावर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हालिया बयान के जवाब में कहा है कि अगर तालिबान चाहें तो दो हफ़्तों में अफ़ग़ानिस्तान का कंट्रोल संभाल सकते हैं।