बेटे से हथियार छोड़ने की अपील न करने की अपनी ही मजबूरी थी हुर्रियत अध्यक्ष की

सुरेश एस डुग्गर
मंगलवार, 19 मई 2020 (20:57 IST)
जम्मू। तहरीके हुर्रियत के अध्यक्ष मुहम्मद अशरफ सहराई ने तत्कालीन पुलिस महानिदेशक शेष पाल वैद की उस उलाह को ठुकरा दिया था जिसमें उनसे आग्रह किया गया था कि वे हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकी गुट में शामिल हुए अपने बेटे जुनैद सहराई को वापस लौट आने के लिए कहें, लेकिन सच्चाई यही थी कि सहराई पर परिवार की ओर से ऐसा दबाव भी लगातार पड़ता रहा था, पर वे  कथित ‘आंदोलन’ की खातिर और अपनी कथित आन-बान-शान को बरकरार रखने के लिए ऐसा सार्वजनिक तौर पर करने को आज तक राजी नहीं हुए और आज उनका बेटा सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया है। 
 
फरवरी 2018 के अंत में सहराई को सईद अली शाह गिलानी के स्थान पर तहरीके हुर्रियत कश्मीर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। यह गुट कश्मीर में तथाकथित आजादी की जंग को छेड़े हुए है। कड़वी सच्चाई यह है कि यही गुट कश्मीर के लोगों खासकर युवाओं को कश्मीर की तथाकथित आजादी के लिए आगे आने की अपीलें तब से कर रहा है जबसे कश्मीर में कथित आजादी का आंदोलन आरंभ हुआ है।
 
 और चौंकाने वाली बात यह है कि अध्यक्ष पद को संभालने के दो दिन बाद ही सहराई को अपने बेटे के हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल होने की खबर मिली थी। दरअसल, उनका बेटा जुनैद अपने अब्बाजान की अपील से प्रभावित हुआ था और उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहा जुनैद आतंकी कमांडर बन गया था।
 
 उसके आतंकी कमांडर बनने पर हिज्ब के अतिरिक्त लश्करे तोइबा के कमांडरों ने भी तब खुशी जाहिर करते हुए यह प्रचारित करना आरंभ किया था कि उनके बड़े नेता भी अब अपने बच्चों को कथित आजादी की जंग के लिए खुशी से भिजवा रहे हैं पर यह सच नहीं था। सहराई परिवार जुनैद के इस कदम से भौंचक्का रह गया था। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका बेटा ऐसा कदम उठाएगा।
 
दरअसल हुर्रियत कॉन्फेंस के जितने भी घटक दल हैं उनमें से किसी भी नेता के बेटे ने आज तक इस आंदोलन में शिरकत नहीं की थी। सभी के बच्चे या तो विदेशों में हैं या फिर जम्मू-कश्मीर के बाहर देश के विभिन हिस्सों में गुजर-बसर कर रहे हैं।

ALSO READ: रोजेदारों को भी नहीं बख्श रही पाक सेना, भारतीय जवानों का मुंहतोड़ जवाब
 
यह बात अलग है कि राष्ट्रवादी विचारधारा के नेता अक्सर हुर्रियत नेताओं को इसके लिए ताने मारते रहते थे, लेकिन जब तहरीके हुर्रियत के अध्यक्ष सहराई के बेटे ने हथियार उठाकर एक भ्रमित ‘मिसाल’ कायम करने की कोशिश की तो उसके इस कदम से कश्मीर के आंदोलन पर पड़ने वाले असर से सुरक्षाबल चिंतित हो गए थे। उन्हें डर था कि जुनैद सहराई का यह कदम कश्मीर के आतंकवाद को नए मोड़ पर इसलिए ले जाएगा क्योंकि कश्मीरी युवा जुनैद को अपना ऑइकान मानते हुए उसके नक्शेकदम पर चल पड़ेंगे। इसका आतंकवाद पर असर हुआ भी लेकिन सुरक्षाबलों के हाथों आतंकी लगातार मरते जा रहे हैं।
 
उन्हें यह भी डर था कि हुर्रियती नेता भी जुनैद की ‘बलि’ देकर आतंकवाद को आंदोलन को नए मोड़ पर ला खड़ा करेंगें। पर इस सबके बीच कोई एक पिता के दर्द को नहीं समझ पाएगा जो चाहकर भी अपने बेटे से वापस लौटने की अपील नहीं कर पाया था। हालांकि अभी तक करीब 150 कश्मीरी युवा अपनी मांओं की अपील पर हथियार छोड़ कर लौट चुके हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Lok Sabha Elections 2024 : मेरी इच्छा है नरेंद्र मोदी फिर से मुख्यमंत्री बनें, नीतीश कुमार की फिर फिसली जुबान

Rajasthan weather : राजस्थान में गर्मी का कहर, फलोदी में तापमान 50 डिग्री के पार

Lok Sabha Elections : राहुल गांधी का दावा, प्रधानमंत्री मोदी गिराना चाहते हैं हिमाचल की सरकार

मोदी, शाह और फडणवीस ने गडकरी की हार के लिए काम किया, संजय राउत का दावा

बेबी केयर सेंटर का मालिक नवीन गिरफ्तार, अस्पताल में आग लगने से हुई थी 7 नवजात की मौत

वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा- मोदी सरकार ने 10 साल में बजट को दिया नया रूप, करदाताओं के पैसे का होगा सही इस्‍तेमाल

Rajkot Game Zone Fire : हाईकोर्ट ने राजकोट नगर पालिका को लगाई फटकार, कहा- राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं

अमित शाह तानाशाह, गिराना चाहते हैं पंजाब सरकार, अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान

Prajwal Revanna : सेक्स स्कैंडल में फंसे प्रज्वल रेवन्ना का पहला बयान, 31 मई को SIT के सामने आऊंगा

चक्रवाती तूफान रेमल का कहर, बंगाल में 15000 घर तबाह, 2 लोगों की मौत

अगला लेख