कर्मचारियों को क्यों है 8वें वेतनमान का इंतजार, जानिए 7 वेतन आयोग ने किस तरह बढ़ाई सैलेरी

अब तक 7 वेतन आयोग गठित हो चुके हैं और उनका कार्यकाल और मुख्य सिफारिशों के बारे में जानिए

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 (14:38 IST)
8th Pay Commission: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी। इससे केंद्र सरकार (central government) के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनधारकों (pensioners) को लाभ होगा।

अब तक 7 वेतन आयोग गठित हो चुके हैं। उनका कार्यकाल और मुख्य सिफारिशें इस प्रकार हैं-
 
पहला वेतन आयोग (मई 1946 से मई 1947)
 
चेयरमैन : श्रीनिवास वरदाचार्य
 
भारत की आजादी के बाद वेतन संरचना को तर्कसंगत बनाने पर ध्यान दिया गया।ALSO READ: केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, 8वें वेतन आयोग का गठन
 
'जीविका पारितोषिक' की अवधारणा पेश।
 
न्यूनतम वेतन : 55 रुपए प्रतिमाह। अधिकतम वेतन : 2,000 रुपए प्रतिमाह।
 
लाभार्थी : लगभग 15 लाख कर्मचारी।
 
दूसरा वेतन आयोग (अगस्त 1957 से अगस्त 1959)
 
अध्यक्ष : जगन्नाथ दास
 
अर्थव्यवस्था और जीवन-यापन की लागत को संतुलित करने पर ध्यान दिया गया।
 
न्यूनतम वेतन 80 रुपए प्रतिमाह की सिफारिश की गई
 
समाजवादी प्रतिरूप को अपनाया गया।
 
लाभार्थी : लगभग 25 लाख कर्मचारी।
 
तीसरा वेतन आयोग (अप्रैल 1970 से मार्च 1973)ALSO READ: उच्च वेतन पर पेंशन, EPFO ने नियोक्ताओं से मांगा विवरण, कितने आवेदन आए
 
अध्यक्ष : रघुबीर दयाल
 
न्यूनतम वेतन 185 रुपए प्रतिमाह की सिफारिश की गई।
 
सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच वेतन समानता पर जोर दिया गया।
 
वेतन संरचना में असमानताओं को दूर किया।
 
लाभार्थी : लगभग 30 लाख कर्मचारी।
 
चौथा वेतन आयोग (सितंबर, 1983 से दिसंबर, 1986)ALSO READ: भारत में अगले साल होगी 9.5 प्रतिशत वेतनवृद्धि, डब्ल्यूटीडब्ल्यू की रिपोर्ट में अनुमान जताया
 
चेयरमैन : पी.एन. सिंघल
 
न्यूनतम वेतन 750 रुपए प्रतिमाह की सिफारिश की गई।
 
सभी रैंक में वेतन में असमानताओं को कम करने पर ध्यान दिया गया।
 
प्रदर्शन से जुड़ी वेतन संरचना पेश की गई।
 
लाभार्थी : 35 लाख से अधिक कर्मचारी।
 
5वां वेतन आयोग (अप्रैल, 1994 से जनवरी, 1997)ALSO READ: मनीष सिसोदिया ने दिया सुझाव, एक शिक्षक को मिले IAS से ज्‍यादा वेतन
 
चेयरमैन : न्यायमूर्ति एसरत्नावेल पांडियन
 
न्यूनतम वेतन 2,550 रुपए प्रतिमाह की सिफारिश की गई।
 
वेतनमान की संख्या कम करने का सुझाव दिया।
 
सरकारी दफ्तर को आधुनिक बनाने पर ध्यान।
 
लाभार्थी : लगभग 40 लाख कर्मचारी।
 
6ठा वेतन आयोग (अक्टूबर, 2006 से मार्च, 2008)
 
चेयरमैन : न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण
 
'पे बैंड' और 'ग्रेड पे' पेश किया गया।
 
न्यूनतम वेतन : 7,000 प्रतिमाह। अधिकतम वेतन : 80,000 रुपए प्रतिमाह।
 
प्रदर्शन संबंधी प्रोत्साहन पर जोर।
 
लाभार्थी : लगभग 60 लाख कर्मचारी।
 
7वां वेतन आयोग (फरवरी, 2014 से नवंबर, 2016)
 
अध्यक्ष : न्यायमूर्ति ए.के. माथुर
 
न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए प्रतिमाह तक बढ़ाया गया। अधिकतम वेतन 2,50,000 रुपए प्रतिमाह।
 
ग्रेड पे सिस्टम की जगह नए पे मैट्रिक्स की सिफारिश की गई।
 
भत्तों और कार्य-जीवन संतुलन पर ध्यान दिया गया।
 
लाभार्थी : 1 करोड़ से अधिक (पेंशनधारक सहित)।
 
16 जनवरी, 2025 को 8वें वेतन आयोग की घोषणा की गई।(भाषा)
 
Edited by : Ravindra Gupta

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