लश्कर और जैश की धमकी, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। गणतंत्र दिवस को लेकर जम्मू कश्मीर में जो तैयारियां की जा रही हैं उनमें सबसे बड़ी तैयारी गणतंत्र  दिवस को मनाने की नहीं है बल्कि गणतंत्र दिवस के दिन शांति बनाए रखने की है अर्थात आतंकी हमलों से  निपटने की खातिर तैयारियां की जा रही हैं।
 
 
अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादी सारे राज्य में उस दिन कहर बरपाना चाहते हैं क्योंकि ऐसा करने के  निर्देश उन्हें सीमा पार से मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव के कारण आतंकी घटनाओं को  अंजाम देने में नाकाम हो रहे हैं और उन्हें कुछ बड़ा करने की खातिर सीमा पार से दबाव डाला जा रहा है।  खासकर पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं।
 
गणतंत्र दिवस पर हिंसा फैलाने तथा भयानक विस्फोट करने की सबसे बड़ी धमकी लश्करे तैयबा और जैशे  मोहम्मद द्वारा दी जा रही है। यह भी सच्चाई है कि लश्करे तैयबा और जैशे मोहम्मद की धमकी को कम  करके आंका नहीं जा सकता।
 
लश्कर और जैश श्रीनगर के उस स्थल को उड़ा देने की धमकी दे रहे हैं जहां गणतंत्र दिवस की परेड होनी है।  हालांकि सभी यह जानते हैं कि बख्शी स्टेडियम को आतंकी पिछले 29 सालों से लगातार निशाना बनाते आ रहे  हैं। कई बार राकेट हमले भी हो चुके हैं। इसकी पुष्टि सुरक्षाधिकारी कर चुके हैं जिनका हालांकि कहना है कि  सभी उन प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, जिन्हें आतंकी धमकी मिली है।
 
सबसे अधिक खतरा लश्करे तैयबा से है। लश्कर की ओर से सबसे बड़ा खतरा मानव बमों का है क्योंकि लश्कर  इस तरह की घटनाओं को अंजाम देता रहा है। आत्मघाती हमले उसके प्रमुख हथियार माने जाते हैं।

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