Jammu Kashmir Elections : नरसंहार मामले को लेकर कश्मीरी पंडित संगठनों ने लिया यह बड़ा फैसला

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 8 सितम्बर 2024 (21:37 IST)
The Kashmiri Pandits organizations took this big decision regarding the genocide case : जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद पहली बार हो रहे विधानसभा चुनाव की तिथि नजदीक आने पर कश्मीरी पंडित समुदाय के कई संगठनों ने उनका नरसंहार होने की बात से लगातार इनकार किए जाने को लेकर केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने का फैसला किया है।
 
मतदान से दूर रहने का निर्णय यहां कश्मीरी पंडित नागरिकों की बैठक में लिया गया। यह बैठक तीन चरणों में 18, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित नेताओं ने भाग लिया।
ALSO READ: Jammu Kashmir Elections : घाटी में 14 कश्मीरी पंडित चुनावी मैदान में, क्षेत्र में 3 लाख से ज्‍यादा हैं विस्‍थापित
कार्यक्रम में, एक ऐसे चुनाव में भाग लेने की नैतिक और राजनीतिक दुविधा पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें उनके नरसंहार को स्वीकार करने संबंधी समुदाय की मांग की अनदेखी की जाती रही है और जिसके परिणामस्वरूप उन्हें जबरन पलायन करना पड़ा।
 
वकील एवं संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ टीटो गंजू ने कहा, पिछले कई दशकों से हम निर्वासित समुदाय के रूप में रह रहे हैं और यह देख रहे हैं कि कैसे एक-के-बाद एक सरकारें और राजनीतिक दल हमारे पलायन और हमारी पीड़ा को चुनावों के दौरान चर्चा का विषय बनाते हैं।
ALSO READ: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों से कश्मीरी पंडितों को क्या उम्मीद?
उन्होंने कहा, फिर भी, जब न्याय की हमारी मांगों पर ध्यान देने की बात आती है (हमारे नरसंहार को स्वीकार करने, सम्मान के साथ हमारी घर वापसी की सुविधा प्रदान करने और हमारे अधिकारों को बहाल करने) तो हमें चुप्पी का सामना करना पड़ता है। गंजू ने कहा, इन चुनावों में भाग लेकर हम उसी व्यवस्था की मदद करेंगे जो हमें लगातार नकारती रही है। यह चुनाव हमारे मुद्दे को लेकर नहीं है, और हमें अपने संकल्प पर दृढ़ रहना चाहिए।
 
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव से दूर रहने से राजनीतिक प्रतिष्ठान को स्पष्ट संदेश जाएगा कि कश्मीरी पंडितों को एक बड़े राजनीतिक खेल में महज मोहरे के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, जो उनकी वैध शिकायतों की अनदेखी करता हो।
ALSO READ: कश्मीरी पंडितों की पीड़ा को लेकर क्या बोलीं PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती
पनून कश्मीर के अध्यक्ष अजय च्रुंगू ने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और जबरन विस्थापन पर ध्यान दिए बिना यह चुनाव कराकर शासन प्रणाली हमारे विनाश को अंतिम रूप देने का प्रयास कर रही है। च्रुंगू ने इस बात पर जोर दिया कि यह महज एक राजनीतिक फैसला नहीं है, बल्कि अस्तित्व बनाए रखने से जुड़ा फैसला है। उन्होंने कहा, मौजूदा चुनाव प्रक्रिया लोकतांत्रिक ढांचे में हमारे समावेश के लिए नहीं है। अगर हम इसमें भाग लेते हैं, तो हम खुद को हाशिए पर धकेलने में भागीदार बनेंगे।
ALSO READ: अमित शाह ने कहा, विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा
बैठक में यह संकल्प लिया गया कि समुदाय आगामी चुनाव में भाग नहीं लेगा, जब तक कि उनके नरसंहार को औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं कर लिया जाता तथा उनके पुनर्वास एवं उनकी घर वापसी के लिए सार्थक कदम नहीं उठाए जाते। पनून कश्मीर के सचिव एमके धर ने कहा कि चुनावी भागीदारी से दूर रहने का निर्णय लोकतंत्र की अस्वीकृति नहीं, बल्कि न्याय और सच्चाई का आह्वान है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Changur Baba : छांगुर बाबा की पूरी कहानी, धर्मांतरण का रैकेट और करोड़ों की संपत्ति, STF और ATS के चौंकाने वाले खुलासे

भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना : अब खुद भर सकेंगे अपनी जानकारी

प्रियंका और माही की बीमारी के आगे क्‍यों लाचार हुए पूर्व CJI, क्‍या है उनका बंगला कनेक्‍शन

UP : अंबेडकरनगर सरकारी आवास से मिले 22.48 लाख रुपए के 100 और 500 के पुराने नोट, ACMO की 11 साल पहले हुई थी मौत, बेड और अटैची से मिलीं नोटों की गड्डियां

क्यों डरे हुए हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, घर और बाहर दोनों जगह घिरे

सभी देखें

नवीनतम

वडोदरा में पुल गिरने से 10 की मौत, हादसे का जिम्मेदार कौन?

काशी में बढ़ा गंगा का जलस्तर, विश्वविख्यात गंगा आरती का स्थान 10 फीट पीछे हटाया गया

कांग्रेस ने पूछा, जेन स्ट्रीट ने अवैध कमाई के 44,000 करोड़ अमेरिका भेजे, सरकार कैसे वापस लाएगी?

Tejaswi Yadav: क्या बिहार चुनाव में नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार का चक्रव्यूह तोड़ पाएंगे तेजस्वी यादव?

महागठबंधन का बिहार बंद, राहुल और तेजस्वी का EC दफ्तर तक मार्च

अगला लेख