कॉलेजियम व्यवस्था बेपटरी नहीं होनी चाहिए, फैसलों पर टिप्पणी करना फैशन बन गया : सुप्रीम कोर्ट

Webdunia
शनिवार, 3 दिसंबर 2022 (00:24 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली को कुछ ऐसे लोगों के बयानों के आधार पर बेपटरी नहीं की जानी चाहिए, जो दूसरों के कामकाज में ज्यादा दिलचस्पी रखते हों। इसके साथ ही उसने जोर दिया कि सर्वोच्च अदालत सबसे पारदर्शी संस्थानों में से एक है।

न्यायपालिका के भीतर विभाजन और न्यायाधीशों द्वारा संवैधानिक अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की मौजूदा व्यवस्था को लेकर सरकार के साथ बढ़ते विवाद के बीच उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह कुछ पूर्व न्यायाधीशों के बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता जो कभी ‘उच्चतम कॉलेजियम’ के सदस्य थे और अब व्यवस्था के बारे में बोल रहे हैं।

न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा, इन दिनों, (कॉलेजियम के) के उस समय के फैसलों पर टिप्पणी करना एक फैशन बन गया है, जब वे (पूर्व न्यायाधीश) कॉलेजियम का हिस्सा थे। हम उनकी टिप्पणियों पर कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं।

पीठ ने कहा, मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली जो काम कर रही है, बेपटरी नहीं होना चाहिए। कॉलेजियम किसी ऐसे व्यक्ति के आधार पर काम नहीं करता जो दूसरों के कामकाज में ज्यादा दिलचस्पी रखते हों। कॉलेजियम को अपने कर्तव्यों के अनुसार काम करने दें, हम सबसे पारदर्शी संस्थानों में से एक हैं।

पीठ आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें 12 दिसंबर, 2018 को हुई ‘सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम’ की बैठक के एजेंडे की मांग की गई थी, जब उच्चतम न्यायालय में कुछ न्यायाधीशों की पदोन्नति को लेकर कथित रूप से कुछ निर्णय लिए गए थे।

भारद्वाज की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमबी लोकुर जो 2018 में कॉलेजियम का हिस्सा थे, ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उस वर्ष 12 दिसंबर को कॉलेजियम की बैठक में लिए गए फैसलों को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना चाहिए था
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PoK तुरंत छोड़ दे Pakistan, बलूच नेताओं की धमकी, अब क्या करेगा आतंकिस्तान

पहले भी महिलाओं पर दिए बयानों से विवाद में रहे है मंत्री विजय शाह, पुलिस ने भी की थी पिटाई

देश की पहली महिला राफेल पायलट हैं शिवांगी सिंह, जिन्हें पकड़ने का पाकिस्तान ने किया झूठा दावा, जानिए उनकी कहानी

Bhargavastra : आ गया दुश्मनों के ड्रोन्स का काल, Pakistan और China के हर वार को आसमान में ही कर देगा भस्म, देखें Video

itel A90 : 7000 रुपए से भी कम कीमत में लॉन्च हुआ iPhone जैसा दिखने वाला स्मार्टफोन

सभी देखें

नवीनतम

उत्तराखंड आंदोलन में शहीदों के नाम पर संग्रहालय बनेगा, CM धामी ने दी मंजूरी

ऑपरेशन सिंदूर ने बता दिया 'सिंदूर' का महत्व, बोले CM डॉ. मोहन यादव, लाड़ली बहनों के खाते में ट्रांसफर की राशि

आदिवासी वोटर्स की नाराजगी के डर से नहीं हो रहा मंत्री विजय शाह का इस्तीफा?

ट्रंप का एक और दावा, भारत ने जीरो टैरिफ लगाने की पेशकश की

भारत ने नहीं बनाया पाकिस्तान के परमाणु केंद्रों को निशाना, नहीं हुआ रेडिएशन

अगला लेख