शुरुआत में ही दिल के रोग को ट्रेक कर लेगा ये नया डिवाइस

Webdunia
गुरुवार, 27 अप्रैल 2023 (11:55 IST)
नई दिल्ली, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं ने रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य और उम्र का पता लगाने के लिए एक नया उपकरण विकसित किया है। यह एक पोर्टेबल उपकरण है, जो हृदय रोगों की शुरुआती जांच में मददगार हो सकता है।

आर्टेंस नामक यह उपकरण ब्लड प्रेशर की निगरानी के लिए उपयोग होने वाले डिजिटल ब्लड प्रेशर मॉनिटर की तर्ज पर काम करता है। आईआईटी मद्रास में हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर में विकसित यह कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ा गैर-इमेजिंग परीक्षण है।

हृदय रोगों की घटनाओं को देखते हुए शोधकर्ताओं का कहना कि नियमित चिकित्सीय परीक्षणों में स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के लिए आर्टेंस का उपयोग गैर-विशेषज्ञों द्वारा भी किया जा सकता है। ऊपरी बांह और जांघों पर लगाए जाने वाले प्रेशर कफ और कैरोटिड धमनी का पता लगाने के लिए गर्दन की सतह पर लगाने के लिए परीक्षण इस उपकरण में शामिल है। यह उपकरण कैरोटिड धमनी कठोरता, महाधमनी नाड़ी तरंग वेग और केंद्रीय रक्तचाप को मापता है।

आईआईटी मद्रास के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ जयराज जोसेफ कहते हैं– “इस उपकरण को विकसित करने का उद्देश्य शुरूआती चरण में ही हृदय संबंधी कमजोरियों का पता लगाना है और लोगों को मरीज बनने से रोकना है।”

जोसेफ कहते हैं– "पांच हजार से अधिक लोगों पर इसका मूल्यांकन किया गया है, और व्यापक परीक्षण के बाद उपकरण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और व्यावसायीकरण के लिए तैयार है।" इस उपकरण को अमेरिका, यूरोपीय संघ और भारत में पांच यूटिलिटी पेटेंट प्राप्त हैं, और इसके पास दस डिजाइन पेटेंट हैं, तथा विभिन्न क्षेत्रों में 28 पेटेंट प्रक्रियाधीन हैं।

आर्टेंस का व्यावसायिक उपयोग कार्डियो डायग्नोस्टिक्स में लगी चिकित्सा उपकरण कंपनियों में हो सकता है। गैर-सरकारी संगठनों एवं सामाजिक निकायों द्वारा लगाये जाने स्वास्थ्य जांच शिविरों, फिटनेस क्षेत्र की कंपनियों में भी इस उपकरण का उपयोग हो सकता है, जहां लोगों के फिटनेस संकेतकों को ट्रैक करने और स्वास्थ्य परियोजनाओं को तैयार एवं लागू करने के लिए तकनीक के उपयोग पर जोर दिया जाता है।

आईआईटी मद्रास के वक्तव्य के अनुसार, पहले से ही नीदरलैंड और भारत के कई अस्पतालों के शोधकर्ताओं द्वारा आर्टेंस का उपयोग किया जा रहा है। यह अध्ययन शोध पत्रिका जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं में डॉ जयराज जोसेफ के अलावा पी.एम. नबील और किरण राज शामिल हैं। (इंडिया साइंस वायर)
Edited: By Navin Rangiyal

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan Conflict : सिंधु जलसंधि रद्द होने पर प्यासे पाकिस्तान के लिए आगे आया चीन, क्या है Mohmand Dam परियोजना

Naxal Encounter: कौन था बेहद खौफनाक नक्‍सली बसवराजू जिस पर था डेढ़ करोड़ का इनाम?

ज्‍योति मल्‍होत्रा ने व्‍हाट्सऐप चैट में हसन अली से कही दिल की बात- कहा, पाकिस्‍तान में मेरी शादी करा दो प्‍लीज

भारत के 2 दुश्मन हुए एक, अब China ऐसे कर रहा है Pakistan की मदद

गुजरात में शेरों की संख्या बढ़ी, खुश हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

सभी देखें

नवीनतम

60 मिनट चला ऑपरेशन, पित्ताशय से निकलीं 8125 पथरियां, गिनने में लगे 6 घंटे

राहुल गांधी का X पोस्ट- मोदीजी, खोखले भाषण देना बंद कीजिए, ट्रंप के सामने झुककर भारत के हितों की कुर्बानी क्यों दी, पूछे 3 सवाल

Accenture भारत में 15000 कर्मचारियों को करेगी प्रमोट, यह IT कंपनी दुनियाभर में चला रही अभियान

भारत का तुर्किए को कड़ा संदेश, पाकिस्तान को समझाओ आतंकवाद रोके

ED लांघ रहा है सारी सीमाएं, Supreme Court ने तमिलनाडु शराब घोटाला मामले की जांच पर लगाई रोक

अगला लेख