सर प्लीज, बताओ कहां है मेरे भाई, बहन और पापा!

Webdunia
सोमवार, 21 नवंबर 2016 (19:06 IST)
अवनीश कुमार, कानपुर से
 
बेटी की शादी के लिए बनारस जा रहा परिवार रेल हादसे का शिकार हो गया। इस दुर्घटना में मां तो अस्पताल में भर्ती मिली, लेकिन अपने पिता, भाई, बहन को तलाश के लिए बेटी घटनास्थल में भटकती रही। और, बस बार-बार सभी से कहे जा रही थी सर प्लीज, बताओ कहां है मेरे भाई, बहन और पापा।
पुलिसवालों ने रो रही युवती को शांत कराते हुए पूछा तो युवती ने खुद को नाम रूबी बताया। उसने मौजूद पुलिस कर्मियों से कहा कि उसकी एक दिसंबर को शादी है। शादी समारोह के चलते पिता रामप्रसाद, मां गायत्री देवी, बहन अर्चना, भाई अभिषेक के साथ वह इन्दौर-पटना एक्सप्रेस में बैठकर अपने पैतृक गांव बनारस जा रही थी। रात करीब ढाई बजे ट्रेन कानपुर देहात पुखरायां पहुंची तो तकनीकी खराबी के कारण 14 डिब्बे पलट गए। इस रेल हादसे में पूरा परिवार छितर-बितर हो गया।
 
घटना में सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर रूबी और उसकी मां गायत्री को बचा लिया, लेकिन पिता, बहन, भाई के पता न चलने पर रूबी अपनों को तलाशने के लिए पागलों की तरह घटनास्थल पर भटकती रही। परिजनों को तलाश कर रही युवती को रोता हुआ देखकर पुलिसकर्मियों ने उसे सांत्वना देकर शांत कराया। लेकिन फिर भी उसके जुबां पर सिर्फ एक ही बात थी कहां हैं मेरी बहन, भाई और पापा, लेकिन किसी के पास इसका कोई भी जवाब नहीं था। 
 
रिपोर्ट से पहले कुछ भी कहना जल्दबाजी : ट्रेन हादसे का जायजा लेने सोमवार दोपहर रेलवे सुरक्षा कमिश्नर पीके आचार्य पहुंचे। पटरी से लेकर क्षतिग्रस्त डिब्बों को देखा। हादसे को देखकर उन्होंने रेलवे प्रबंधन के अधिकारियों को जल्द मलबा हटाने और ट्रैक दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
 
आचार्य ने हादसे की कारणों को जानने के लिए अफसरों के साथ बारीकी से जांच की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हादसे के कारणों की उच्चस्तरीय जांच चल रही है। जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगी। रिपोर्ट आने से पहले कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हमारी प्राथमिकता है कि जल्द से जल्द ट्रैक चालू हो और यात्रियों को आने-जाने में हो रही असुविधा से बचाने व घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की है। 
मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों का काम सरहनीय : उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राहुल भटनागर कानपुर ट्रेन हादसे में घायल यात्रियों को देखने पहुंचे। उन्होंने पत्रकारो से कहा कि मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों का काम सरहनीय है लगातार घायलों का डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। घायलों और मृतकों के पोस्टमार्टम के लिए डाक्टरों की टीम बुला ली गई है। शव का पोस्टमार्टम कर घर तक पहुंचाने का काम शुरू किया जा रहा है। अभी राहत काम चल रहा है फिलहाल घायलों का इलाज किया जा रहा है। मेडिकल कालेज के वरिष्ठ डाक्टरों और अधिकारियों से बैठक कर जरूरतों के हिसाब से व्यवस्था की जा रही है।
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