नई दिल्ली। ट्विटर इंडिया ने टाइमलाइस पर जम्मू एवं कश्मीर को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा बता दिया। इसके बाद बड़ा विवाद पैदा हो गया। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की फेलो कंचन गुप्ता ने इस मामले को उठाया। गुप्ता ने पाया कि ट्वीट्स में जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा बताया जा रहा है। कई इंटरनेट यूजर्स ने भी सरकार से संज्ञान लेते हुए ट्विटर इंडिया के खिलाफ कदम उठाने की अपील की। कई यूजर्स ने ट्विटर बॉयकॉट की मांग की। इस मामले पर ट्विटर ने सफाई भी दी।
गुप्ता ने दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को टैग करते हुए लिखा कि तो ट्विटर ने जम्मू एवं कश्मीर के भूगोल को बदलने का निर्णय लिया है और जम्मू एवं कश्मीर को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के हिस्से के रूप में दिखाने का निर्णय किया है। क्या यह भारत के कानून का उल्लंघन नहीं है? भारत में तो लोगों को छोटी-छोटी बातों पर सताया जाता है। क्या अमेरिका की बिग टेक कंपनी कानून से ऊपर है?
एक यूजर ने लिखा कि 'सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों को ऐसी बेवकूफियों के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। एक अन्य यूजर ने लिखा कि 'इसका संज्ञान लेते हुए ट्विटर इंडिया के खिलाफ कदम उठाया जाए। वे भारतीय संप्रभुता का मजाक नहीं बना सकते। एक नेटिजन ने कहा- 'ट्विटर इंडिया.. तो आपके अनुसार, लेह पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा है।
दूसरी ओर, ट्विटर पर ही लोगों ने उससे स्पष्टीकरण मांग लिया कि आखिर यह गलती कैसे हुई। रोहन ठाकुर ने लिखा- हमारे जम्मू कश्मीर को कोई भी ऐरा-गेरा अपना हिस्सा बता देता है। एक अन्य ट्विटर हैंडल पर माफी मांगने की बात कही गई।
दी सफाई : पूरे मामले पर ट्विटर के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि हम मामले की संवेदनशीलता को समझते हैं। रविवार को आई तकनीकी परेशानी के बारे में हम अवगत है। इस पूरे मामले की जांच और समाधान के लिए हमारी तकनीकी टीम काम कर रही है।
हिप्पो गांधी नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- यह टेक्निकल इश्यू नहीं है। यह जानबूझकर किया गया है। एक अन्य ने लिखा इस मामले में आधिकारिक रूप से माफी मांगी जानी चाहिए। एक अन्य ने लिखा- पहले सिर्फ पाकिस्तान जम्मू कश्मीर मांगता था, अब चीन भी आ गया।
उल्लेखनीय है कि लद्दाख क्षेत्र में चीन से जारी विवाद के बीच पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी अनुच्छेद 370 को हटाने की बात करते हुए कहा था कि कश्मीर के लोग चीन के साथ रहना चाहेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि 370 हटाने की चीन की मदद मिल सकती है।