मुंबई। उद्धव ठाकरे ने उनके नेतृत्व वाली एमवीए सरकार को गुरुवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दिए गए निर्देश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद अपने इस्तीफे की घोषणा की। बहुमत परीक्षण से पहले ही उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। फेसबुक पर संबोधन के बाद उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। उद्धव मातोश्री से राजभवन तक खुद गाड़ी चलाकर पहुंचे। उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद से भी इस्तीफा दे दिया। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने ठाकरे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था होने तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को कहा।
उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि कल शिवसैनिकों का खून बहे और वे सड़क पर उतरें। उद्धव ने बागियों को भावुक संदेश भी दिया। इसलिए मैं कुर्सी छोड़ रहा हूं।
क्या बोले फेसबुक संबोधन में
अच्छे कामों को लगती है नजर : उद्धव ने बगावत पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि अच्छे कामों को नजर जल्दी लगती है। उद्धव ठाकरे ने सोनिया गांधी और शरद पवार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जिनको उन्होंने बहुत कुछ दिया वे नाराज हैं और जिन्हें कुछ नहीं दिया वे आज भी साथ हैं। मुझे इन लोगों से धोखे की आशंका नहीं थी। उद्धव ने कहा कि हमने लोगों के फायदे के लिए काम किया। सबका आशीर्वाद हमारे साथ है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी फ्लोर टेस्ट की अनुमति दे दी है।
राज्यपाल का धन्यवाद : ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल ने एक चिट्ठी पर एक्शन लिया और फ्लोर टेस्ट के लिए कहा। राज्यपाल जी का भी धन्यवाद। बागियों की नाराजगी किस बात की है। शिवसैनिकों को नोटिस भेजा जा रहा है। सूरत, गुवाहाटी जाकर नाराजगी जाहिर की जा रही है। ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस ने भी मंत्रिमंडल से निकलने की बात की। आज शिवसैनिकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। उन्हें घऱ से निकलने से रोका जा रहा है। कल के फ्लोर टेस्ट से मुझे मतलब नहीं है। आपके पास कितनी संख्या है मुझे मतलब नहीं है।
पापों को भोग रहा हूं : ठाकरे ने कहा कि आप शायद कल विरोधियों का बहुमत सिद्ध ही कर देंगे। जिनको शिवसैनिकों ने बड़ा किया। आपको याद रखना चाहिए कि उस बालासाहेब के बेटे को कुर्सी से उतारने का पुण्य आपने किया है। आपको बड़ा किया यह मेरा पाप है और मैं उसे भोग रहा हूं। ठाकरे ने कहा कि अगर आपने मुझसे बात करने की कोशिश की होती तो मैं जरूर बात करता। मैं आज भी बात करने को तैयार हूं। मैंने आपको अपना माना था। आपसे दगा की उम्मीद नहीं थी। मुझे पता चला है कि मुंबई में केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए अलग से फोर्स भेजी है। यहां आप लोगों के आने पर सीआरपीएफ दाखिल होने वाली है। मुझे शर्म आ रही है। क्या आप शिवसैनिकों के खून से मुंबई के रास्ते लाल करने वाले हैं?