नई दिल्ली। बोफोर्स घोटाले में सीबीआई ने एक बड़ा खुलासा किया है। बोफोर्स घोटाले में भगोड़े इतालवी कारोबारी ओत्तावियो क्वात्रोची को बड़ी राहत देने में यूपीए सरकार की भूमिका सामने आई है। दरअसल, यूपीए सरकार के पास एक विकल्प था जिसके तहत इटली कारोबारी क्वात्रोकी के बैंक खातों से पैसे की निकासी पर लगी रोक को जारी रखा जा सकता था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने उस रोक को हटाकर क्वात्रोची की मदद की थी।
उल्लेखनीय है कि 2006 में ही क्वात्रोची को उच्चतम न्यायालय ( सुप्रीम कोर्ट) ने अपराधी घोषित किया था। न्यायालय ने 16 जनवरी को क्वात्रोकी के फंड पर लगी रोक को जारी रखने के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन यूपीए सरकार ने इस आदेश का पालन नहीं किया और इसक गलती के चलते खाते से पैसा निकल गया। सरकार चाहती तो क्वात्रोची के बैंक खातों से पैसे की निकासी पर लगी रोक को जारी रखवा सकती थी लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।
सीबीआई ने संसद की लोक लेखा समिति को बताया कि यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने क्वात्रोची के फंड पर रोक को जारी रखने के रास्ते सुझाए थे जिसे तत्कालीन अडिशनल सॉलिसिटर जनरल भगवान दत्ता ने खारिज कर दिया था। दत्ता का कहना था कि सीपीएस के वकील स्टीफन हेलमन ने सीआरपीसी की जो धारा सुझाई है, उसका सहारा लेने का कोई ठोस आधार नहीं है।
सीबीआई ने पीएसी को बताया, 'सीपीएस ने सुझाव दिया था कि सीआरपीसी की धारा 82 के तहत ओत्तावियो क्वात्रोकी को घोषित अपराधी करार देकर इसी धारा के तहत उसके जब्त किए गए फंड्स पर रोक को जारी रखा जा सकता है।'
बताया जाता है कि क्वात्रोकी ने यूके स्थित बैंक पर फंड जारी करने के लिए दबाव बनाया था। सीबीआई ने संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) से हाल में जो सूचना साझा की है, उससे पता चलता है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार चाहती थी कि क्वॉत्रोची अपने बैंक खातों से 1 मिलियन डॉलर (करीब 6.5 करोड़ रुपए) और 3 यूरो मिलियन (करीब 23 करोड़ रुपए) पैसे निकाल ले।
जानकारी के मुताबिक 13 जनवरी, 2006 को बैंकों को डिस्चार्ज ऑर्डर जारी किया गया और 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने क्वात्रोची के फंड पर लगी रोक को जारी रखने के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन उस समय तक पैसा निकल चुका था।
गौरतलब है कि ओतावियो क्वात्रोची एक इतालवी व्यवासायी थे जिसकी वर्ष 2009 के शुरुआती महीनों तक भारत को आपराधिक मामलों में तलाश थी। क्वात्रोची पर बोफोर्स घाटाले में दलाली के जरिए घूस खाने का आरोप था। कांग्रेस पर क्वात्रोची को भगाने और बचाने का आरोप लगता रहा है।