किसान आंदोलन का दूसरा दिन, सब्जियों की कीमतें बढ़ीं

Webdunia
शनिवार, 2 जून 2018 (18:36 IST)
चंडीगढ़। किसानों का आंदोलन शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहने के बीच पंजाब और हरियाणा के विभिन्न शहरों में सब्जियों की कीमतें बढ़नी शुरू हो गई हैं। दरअसल, कृषि उत्पादों की मंडियों में ताजा आपूर्ति कम हो गई है और यहां तक कि किसान सब्जियां एवं दूध सड़कों पर फेंक रहे हैं तथा शहरों को इनकी आपूर्ति रोक रहे हैं।
 
किसानों ने केंद्र की किसान विरोधी कथित नीतियों के खिलाफ शुक्रवार से 10 दिनों का आंदोलन शुरू किया है। इसके तहत वे सब्जियों, फल, दूध और अन्य वस्तुओं की शहरों को आपूर्ति बंद कर रहे हैं। हालांकि किसानों के आंदोलन का असर कृषि वस्तुओं पर शुक्रवार को नहीं दिखा था लेकिन कई शहरों में सब्जियों का खुदरा मूल्य दूसरे दिन 10 से 20 रुपए प्रति किग्रा बढ़ गया। इसके चलते शहरों में उपभोक्ताओं को सब्जियां खरीदने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ा। व्यापारियों ने कहा है कि मंडियों में सब्जियों की ताजा आपूर्ति कम हो गई है जिससे आने वाले दिनों में उनकी कीमतें बढ़ने की आशंका है।
 
पंजाब में नाभा, लुधियाना, मुक्तसर, तरनतारन, नांगल और फिरोजपुर सहित कई स्थानों पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। सब्जियों और दूध को शहरों में जाने देने से रोकने के लिए किसानों द्वारा नाकाबंदी करने की भी खबरें हैं। 
 
फिरोजपुर से मिली खबर के मुताबिक किसानों ने जबरन सब्जी मंडी बंद करा दी। पुलिस ने बताया कि बठिंडा में किसानों ने कुछ दूध विक्रेताओं को शहर जाने से रोक दिया जिस पर उनके बीच तीखी बहस भी हुई। बठिंडा पुलिस थाना सदर के प्रभारी इकबाल सिंह ने बताया कि इसके बाद 4 किसानों को एहतियाती हिरासत में ले लिया गया। अन्य किसानों ने अपने साथी किसानों की रिहाई की मांग करते हुए थाने के बाहर धरना दिया।
 
मोहाली में किसानों के एक समूह ने वर्का दुग्ध संयंत्र के प्रवेश द्वार को अपने वाहनों से अवरुद्ध कर दिया। किसान एकता मंच और राष्ट्रीय किसान महासंघ के बैनर तले किसानों ने 1 से 10 जून तक आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है। किसान संगठन न्यूनतम आय गारंटी योजना और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने तथा कृषि ऋण माफ करने की मांग कर रहे हैं। 
 
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों के जारी प्रदर्शन को कृषक समुदाय की परेशानी का प्रतीक बताया है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में कृष्ण मुरारी के शपथ ग्रहण करने के बाद सिंह ने चंडीगढ़ स्थित हरियाणा राजभवन में मीडिया से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। 
 
उन्होंने कहा कि देश में कृषक समुदाय भाजपा नीत केंद्र सरकार के उदासीन रवैए के चलते गंभीर संकट में है। केंद्र सरकार किसानों को कोई राहत पहुंचाने में नाकाम रही है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और आप के बीच कोई चुनावी गठजोड़ होने की संभावना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे में फैसला कांग्रेस आलाकमान पर निर्भर है। (भाषा) 

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