Weather Round UP: उत्तराखंड से केरल तक बारिश का कहर, 46 की मौत

Webdunia
मंगलवार, 19 अक्टूबर 2021 (20:02 IST)
नई दिल्ली। उत्तराखंड से केरल तक देश के कई राज्यों में सोमवार को भारी बारिश हुई। केरल में भारी बारिश की वजह से 41 लोग मारे जा चुके हैं, वहीं उत्तराखंड में वर्षाजनित घटनाओं में 5 लोगों की जान चली गई। 
 
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 1960 के बाद पहली बार इस साल अक्टूबर के महीने में सबसे अधिक वर्षा हुई। शहर में 93.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं तेलंगाना के कई क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई।
 
शिवराज की चुनावी सभा स्थगित : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारी बारिश एवं खराब मौसम के कारण खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार को निर्धारित अपनी चुनावी सभाओं को स्थगित कर दिया जबकि उत्तर प्रदेश के बुढाणा में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव की रैली रद्द करनी पड़ी क्योंकि सभा स्थल पर पानी भर गया था।
 
चारधाम यात्रा पर रोक : उत्तराखंड में प्रशासन ने रविवार तक हरिद्वार एवं ऋषिकेश पहुंच चुके चारधाम यात्रा के तीर्थयात्रियों को मौसम में सुधार आने तक आगे नहीं बढ़ने की सलाह दी है। ऋषिकेश में यात्री वाहनों को चंद्रभागा पुल, तपोवन, लक्ष्मण झूला एवं मुनी की रेती भद्रकाली बैरियर पार नहीं करने दिया जा रहा है। पौड़ी के जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि जिले में लैंसडौन क्षेत्र के समखाल में भारी बारिश के चलते खेत का मलबा मजदूरों के टैंट पर आ गिरा जिसमें 3 व्यक्तियों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। चंपावत जिले के सेलखोला में मकान ढह जाने से 2 लोगों की जान चली गई।
 
केरल में कोहराम : केरल में भारी बारिश के चलते अब तक 41 लोगों की मौत हो गई तथा तटबंध क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ रहा है। राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने बताया कि दस बांधों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है तथा सबरीमला मंदिर के लिए तीर्थाटन रोक दिया गया है।
 
राजन एवं राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जार्ज ने बताया कि काक्की बांध से 100-200 क्यूमेक्स पानी छोड़ने के लिए उसे खोलने का फैसला किया गया है जिससे पंपा नदी में जलस्तर करीब 15 सेंटीमीटर बढ़ेगा। बांध में जलस्तर के खतरनाक स्तर के पार चले जाने के कारण यह फैसला किया गया है, साथ ही 20 अक्टूबर तक भारी वर्षा की आशंका को भी ध्यान में रखा गया है।
 
दिल्ली में भारी वर्षा से कई स्थानों पर यातायात जाम लग गया। शहर में न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से दो दिग्री कम है। यहां रविवार सुबह साढे आठ बजे से सोमवार सुबह आठ बजे तक 87.9 मिलीमीट वर्षा हुई। इस साल राष्ट्रीय राजधानी में अक्टूबर में 94.6 मिलीमीटर वर्षा पहले ही चुकी है।
 
पश्चिम बंगाल में भारी बारिश का अनुमान : कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में वर्षा हुई। मौसम विज्ञान विभाग ने दक्षिण बंगाल के सभी जिलों में भारी वर्षा का अनुमान लगाया है जहां सोमवार को मौसम खराब रहा। विभाग के अनुसार दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीद्वारपुर में भारी वर्षा हो सकती है।
 
उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ जैसे जिलों में रविवार सुबह से भारी वर्षा हो रही है जिससे जलभराव, बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी समस्याएं पैदा हो गईं।
 
राजस्थान में पिछले 24 घंटों के दौरान अनेक जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनसार इस दौरान सबसे अधिक 158 मिलीमीटर बारिश बारां जिले के किशनगढ़ में दर्ज की गई। वहीं करौली के सापोटरा में 130 मिमी. बारिश हुई। इसी तरह हिंडौन, करौली शहर, रूपवास व मंगरोल में क्रमश: 122, 107, 82 व 81 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
 
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में सोमवार को भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से राष्ट्रीय राजमार्ग पांच को मूरंग से जोड़ने वाला लिंक रोड बंद हो गया। हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिल में हिमपात के कारण करीब 170 लोग फंस गए। एक आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि स्पीति उपसंभाग के सुमडो में एचआरटीसी की एक बस तथा करीब 30 अन्य वाहनों में बैठे करीब 150 लोग फंस गए हैं। वे सभी सुरक्षित हैं तथा डोगरा स्काउट सामडो उनके ठहरने का ध्यान रख रहा।

केरल में इस महीने 135 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश हुई : केरल जहां 20 अक्टूबर से फिर से बारिश का सामना करने की तैयारियों में जुटा है, वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों दर्शाते हैं कि दक्षिण भारत के इस राज्य में 1 से 19 अक्टूबर के बीच की अवधि के दौरान 135 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश हुई।
 
केरल में 16 अक्टूबर को हुई भारी बारिश के दौरान राज्य के दक्षिण-मध्य जिलों में भूस्खलन और बारिश से जुड़ी कई अन्य घटनाओं में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई थी। उस वक्त आईएमडी ने एक रेड अलर्ट जारी कर भारी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था।
 
आईएमडी की वेबसाइट पर इस मौसम की बारिश के आंकड़ों से यह प्रदर्शित होता है कि 1 से 19 अक्टूबर की अवधि के दौरान 192.7 मिमी बारिश हुई जबकि वास्तविक बारिश 453.5 मिमी हुई। मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर-दिसंबर के दौरान उत्तर-पूर्व मानसून से राज्य में औसत बारिश 491.6 मिमी हुई, जो वार्षिक बारिश का 16.8 प्रतिशत है।
 
उन्होंने बताया कि इस साल राज्य में 1 से 19 अक्टूबर के बीच 453.5 मिमी बारिश हुई जबकि आमतौर पर 192.7 मिमी बारिश होती थी। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि राज्य में मौसम की 90 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है। त्रिशूर और अलप्पुझा को छोड़कर अन्य सभी जिलों में 100 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई। राज्य में 2 दिनों तक बारिश से राहत मिलने के बाद आईएमडी ने आज मंगलवार को केरल के 11 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर बुधवार को भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया। मौसम वैज्ञानिकों ने गुरुवार के लिए भी 12 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।(भाषा)

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