जानिए क्या होती है प्रत्यर्पण संधि, सिर्फ 2 मिनट में जानिए संधि से जुड़ी बातें...

Webdunia
मंगलवार, 5 फ़रवरी 2019 (10:33 IST)
भारतीय बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपए कर्ज लेकर ब्रिटेन भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने की उम्मीद बढ़ गई है। ब्रिटिश गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि गृहमंत्री साजिद जावेद ने 3 फरवरी को सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद विजय माल्या को भारत को प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। आखिर जानते हैं क्या होती है प्रत्यर्पण संधि...


प्रत्यर्पण संधि दो देशों के बीच होने वाली वह संधि है, जिसके अनुसार देश में अपराध करके किसी दूसरे देश में जाकर रहने वाले अपरधियों को उस देश को लौटा दिया जाता है। भारत की 47 देशों के साथ पहले से ही प्रत्यर्पण संधि है, लेकिन दुनिया के अन्य देशों के साथ ही इस प्रकार की संधि करने के लिए सरकार अग्रसर है। केंद्र सरकार इस प्रयास में लगी हुई है कि जो आर्थिक अपराधी देश छोड़कर विदेश में हैं, उसका किसी प्रकार जल्द प्रत्यर्पण किया जा सके।

62 भगोड़ों का हो चुका है प्रत्यर्पण : आर्थिक अपराध को अंजाम देने के बाद देश छोड़कर भागने वाले अपराधियों को रोकने के लिए संसद ने एक बिल पास किया था। इसी के अनुसार हमारी सरकार विश्व के सारे देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि को लेकर सहयोग की ओर अग्रसर है। भारत सरकार की नीति है कि जितने अधिक देशों के साथ संभव हो, प्रत्यर्पण संधियां की जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भगोड़े अपराधी कानून के शिकंजे से बच नहीं सकें। वर्ष 2002 से अब तक 62 भगोड़े अपराधियों का प्रत्यर्पण भारत को सफलतापूर्वक किया जा चुका है।

इन देशों ने किए हैं हस्ताक्षर : भारत के साथ जिन देशों/क्षेत्रों ने प्रत्यर्पण संधियों पर हस्ताक्षर किए वो हैं अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, अजरबेजान, बहरीन, बांग्लादेश, बेलारूस, बेल्जियम, भूटान, ब्राजील, बुल्गारिया,  कनाडा, चिली, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, इंडोनेशिया, ईरान, इजराइल, कजाकिस्तान, कुवैत, मलेशिया,  मॉरीशस, मैक्सिको, मंगोलिया, नेपाल, नीदरलैंड्स, ओमान, फिलिपींस, पोलैंड, पुर्तगाल, कोरिया गणराज्य, रूस,  सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्विट्जरलैंड, ताजिकिस्तान, थाइलैंड, ट्यूनीशिया, तुर्की, संयुक्त अरब  अमीरात, ब्रिटेन, युक्रेन, संयुक्त राज्य अमरीका, उज्बेकिस्तान और वियतनाम।

ब्रिटेन में अटके हैं 17 मामले : भारत और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण संधि 1993 में हुई थी, लेकिन  समझौते के इतने दिनों बाद भी ब्रिटेन ने किसी भी भगोड़े को भारत को नहीं सौंपा है। इसके विपरीत भारत अब तक दो लोगों को ब्रिटेन को सौंप चुका है।

आपराधिक मानहानि जैसे मामले में थोड़ा समय जरूर लगता है। अधिकतर मामलों में देरी दोनों तरफ के सरकारी तंत्र के देर से जागने के कारण होती हैं। जुलाई 2016 तक ब्रिटेन से 16 लोगों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही थी। माल्या को मिलाकर इनकी संख्या 17 हो गई हैं। इनमें ललित मोदी, संगीतकार नदीम और गुजरात में धमाकों (1993) का आरोपी टाइगर हनीफ भी शामिल है। भारत ने 45 आरोपियों को दूसरे देशों को सौंपा है।

45 लोग विदेशों में अपराध कर भारत में छुपे थे, जिन्हें भारत ने उन देशों को सौंप दिया जिन्होंने इनके  प्रत्यर्पण की मांग की थी। इनमें से सबसे ज्यादा 24 अमेरिका को सौंपे गए हैं जबकि 3 आरोपियों को ब्रिटेन को सौंपा गया है।

2016 में हुआ ब्रिटेन से पहला प्रत्यर्पण :  भारत और ब्रिटेन के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि तब से लेकर अब तक पहले आरोपी को भारत लाने में 23 साल लग गए। इसमें हत्या के मामले में सिर्फ एक आरोपी समीरभाई वीनूभाई पटेल को 19 अक्टूबर 2016 को प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया था। बाकी 13 आरोपियों को अलग-अलग अपराधों में प्रत्यर्पित कर लाया गया। भारत अलग-अलग अपराधों में जिन 62 लोगों को प्रत्यर्पित कर लाया है, उनमें सबसे ज्यादा 15 हत्या के आरोपी हैं। वहीं दूसरी ओर आतंकवाद के मामले में भी 9 आरोपी प्रत्यर्पण संधि के तहत लाए गए हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख