मोदी ने जिस Kachchativu द्वीप का जिक्र किया वह कहां है और क्या है पूरा मामला

Webdunia
गुरुवार, 10 अगस्त 2023 (19:09 IST)
kacchatheevu island
What is Kachchativu island issue : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कच्चातीवु द्वीप (Kachchativu island) का जिक्र किया। इसे लेकर उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा। हाल ही में तमिलमाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन इस द्वीप को वापस लेने का मुद्दा उठाया था।

क्या बोले प्रधानमंत्री : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जो लोग बाहर गए हैं, उनसे जरा पूछिए कि कच्चातिवु क्या है? और यह कहां स्थित है? DMK सरकार उनके मुख्यमंत्री मुझे लिखते हैं - मोदी जी कच्चातिवु को वापस लाओ। यह एक द्वीप है लेकिन इसे दूसरे देश को किसने दे दिया। क्या ये मां भारती का हिस्सा नहीं था? ये इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ।

आखिर क्या है कच्चातीवु द्वीप का पूरा मामला-
 
कहां है कच्चातीवु द्वीप (Kachchativu island) : कच्चातिवु द्वीप रामेश्वरम से सिर्फ 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कच्चातीवु पिछले सौ साल से श्रीलंका और भारत में विवाद का विषय रहा था। यह द्वीप 14वीं सदी में ज्वालामुखी विस्फोट से बना है। इस द्वीप पर तभी से रामेश्वरम के आसपास के मछुआरे मछली पकड़ते रहे हैं। साथ द्वीप एक सालाना उत्सव में भाग लेते रहे हैं। 
 
1921 में श्रीलंका ने किया दावा : 1921 में श्रीलंका ने इस पर दावा कर दिया और इसे विवादित क्षेत्र बना दिया। हालांकि इसके बावजूद पारंपरिक रूप से श्रीलंका के तमिलों और तमिलनाडु के मछुआरे इसका इस्तेमाल करते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ साल से श्रीलंका यहां भारतीय मछुआरों को न सिर्फ परेशान करता है बल्कि उसे गिरफ्तार भी कर लेता है।
 
इंदिरा गांधी ने किया गिफ्ट : 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमाओ भंडारनायके के बीच हुए समझौते में यह द्वीप ने भारत ने श्रीलंका को गिफ्ट में दे दिया। उस समझौते की संसद ने कोई पुष्टि नहीं की थी, जिस पर सवाल उठता है कि इंदिरा गांधी को यह अधिकार किसने दिया था कि वह भारत की जमीन का एक टुकड़ा किसी अन्य देश को उपहार स्वरूप दे दे।
जयललिता ने बनाया था मुद्दा : जिस समय इंदिरा गांधी ने कच्चातीवु द्वीप श्रीलंका को उपहारस्वरूप दे दिया था तब स्टालिन के पिता एम. करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे। उस समय एम. करुणानिधि ने श्रीलंका को कच्चातीवु द्वीप देने का उस ढंग से विरोध नहीं किया था, जैसे उन्हें करना चाहिए था। इसके बाद जयललिता ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में कच्चातीवु द्वीप को मुख्य राजनीतिक मुद्दा बना लिया था।  

सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन : इस मामले को लेकर तमिलनाडु में भारी विरोध होता रहा है और भारत सरकार से इसे वापस लेने की होती रही है। 1991 से ही तमिलनाडु सरकार इसे वापस लेने की मांग कर रही है। जयललिता सरकार भारत सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार दिलवाने के लिए इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई और मामला अब तक विचाराधीन है। Edited By : Sudhir Sharma

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बिहार चुनाव से पहले SIR का क्यों है डर? जानिए चुनाव आयोग और विपक्ष का तर्क

Government Jobs : आने वाली है सरकारी नौकरियों की बाढ़, CAPF में 1.09 लाख पद खाली, 72,689 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: दैवीय हस्तक्षेप या राजनीतिक विवशता?

राहुल ने पीएम पद ठुकराया था, मनमोहन सिंह ने किया था ऑफर, सांसद पप्पू यादव का सनसनीखेज खुलासा

गोरखपुर के PAC ट्रेनिंग सेंटर में बवाल, सुविधाओं को लेकर महिला सिपाहियों का हंगामा

सभी देखें

नवीनतम

Weather Update: दिल्ली में बाढ़ का खतरा, 8 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट

इस्तीफे के बाद बंगला खाली करने पहुंचे, क्यों इतनी जल्दी में हैं जगदीप धनखड़?

LIVE: लंदन में पीएम मोदी का जोरदार स्वागत, आज FTA पर हस्ताक्षर

नितिन गडकरी को मिलेगा लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार, 2023 में PM मोदी को मिला था यह सम्‍मान

ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध के निर्माण से भारत और बांग्लादेश पर कोई असर नहीं पड़ेगा : चीन

अगला लेख