एक्सप्लेनर: महाराष्ट्र के सियासी संकट में अब आगे क्या?

विकास सिंह
मंगलवार, 28 जून 2022 (12:37 IST)
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद महाराष्ट्र की सियासी महाभारत में सबसे बड़ा सवाल बन गया है कि अब आगे क्या? ऐसे में जब सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की सदस्यता को लेकर किसी भी तरह के निर्णय पर 11 जुलाई तक रोक लगा दी है तब महाराष्ट्र में भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट सरकार बनाने के लिए आगे बढ़ते हुए दिख रहे है। 
 
1-भाजपा के साथ सरकार बनाए शिंदे गुट?- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई अब इस मोड़ पर आकर खड़ी हो जाएगी कि बागी नेता एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा के साथ आकर नई सरकार बना सकते है। शिवसेना के बागी विधायकों की सदस्यता को लेकर विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के किसी भी निर्णय पर 11 जुलाई तक रोक लगने के बाद अब इस बात की संभावन बढ़ गई है कि जल्द ही भाजपा  और एकनाथ शिंदे गुट सरकार बनाने के लिए खुलकर आगे आ सकते है। 
 
अगर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाते है तो वह नई सरकार में डिप्टी सीएम बन सकते है। वहीं एकनाथ शिंदे के साथ बागी होने वाले एक दर्जन से अधिक विधायक नई सरकार में मंत्री बन सकते है। महाराष्ट्र में तेजी से बदल रहे सियासी समीकऱण के बीच पूर्व मुख्यमंत्री द्रेवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंचे है जहां वह गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। वहीं मीडिया रिपोर्टस के हवाले से बागी नेता एकनाथ शिंदे भी आज दिल्ली जा सकते है।  
ALSO READ: इनसाइड स्टोरी : महाराष्ट्र में भाजपा के ऑपरेशन लोटस से खिलेगा 'कमल'?
2-उद्धव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव?- बागी संकट से जूझ रही उद्धव सरकार के खिलाफ अब अविश्वास प्रस्ताव लाने की संभावना सबसे अधिक बनती दिख रही है। भाजपा के अलावा राजठाकरे की पार्टी मनसे या कोई अन्य छोटी पार्टी या विधायक राज्यपाल के पास जाकर उद्धव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग कर सकता है। ऐसे में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी उद्धव सरकार में सदन में विश्वास मत पेश करने के लिए कह सकते है। ऐसे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सदन में अपना बहुमत साबित करना होगा।   
 
3-फ्लोर टेस्ट के राज्यपाल का स्वत: संज्ञान–मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे साफ कर चुके है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और आगे की लड़ाई लड़ेंगे। ऐसे में जब एकनाथ शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में उद्धव सरकार के समर्थन वापस लेने की बात कई गई है। तब संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत राज्यपाल विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट के लिए उद्धव सरकार को कह सकते है। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कहते हैं कि अगर राज्यपाल को लगता है कि सरकार विधानसभा में अपना बहुमत खो चुकी है तो वह मुख्यमंत्री को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए कह सकते है। वहीं फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर विपक्षी दल भाजपा भी राज्यपाल के पास जा सकती है। 
 
4-फ्लोर टेस्ट के क्या है सियासी समीकरण?-अगर महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट हुआ तब सदन में बहुमत का आंकडा क्या होगा इस पर सबकी नजर टिक गई है। महाराष्ट्र विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 288 है जिसमें मौजूदा सदस्यों की संख्या 287 है। सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना के कुल 55 विधायक है। वहीं महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक है। 
ALSO READ: महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट में बच पाएगी उद्धव सरकार?, 5 प्वॉइंट्स में समझें फ्लोर टेस्ट से जुड़ा हर दांवपेंच
इसके अलावा सपा के 2, पीजपी के 2, बीवीए के 3, एआईएमआईएम के 2, सीपीआई का एक, एमएनस के 1 और 9 निर्दलीय विधायक है। वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पास अपने विधायकों की संख्या 106 है। इसके साथ आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायक पहले से भाजपा के साथ है।
 
ऐसे में जब शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे 38 विधायकों के समर्थन होने का दावा करने के साथ अपने साथ 10 अन्य विधायकों का दावा भी कर रहे है। तब फ्लोर टेस्ट में इन विधायकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। 
 
5-फ्लोर टेस्ट पर भी फंसेगा पेंच?-ऐसे में जब महाराष्ट्र का पूरा मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है ऐसे में अगर राज्यपाल उद्धव सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए कहती है तो सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकती है। महाविकास अघाड़ी सुप्रीम कोर्ट से फ्लोर टेस्ट के लिए समय की मांग के साथ विधायकों की सदस्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दे सकती है।  
 
6-महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की संभावना?–महाराष्ट्र में अगर भाजपा सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आती है। बागी होने वाले विधायक दलबदल कानून के दायरे में आकर अपनी सदस्यता खो देते है तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विधानसभा निलंबित या भंग कर राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते है। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख