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Election Updates: कौन बनेगा बिहार का 'बॉस', क्या टूट सकती है नीतीश कुमार की पार्टी

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 14 नवंबर 2025 (12:41 IST)
Bihar Assembly Election Results 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो राज्य में बहुत ही रोमांचक स्थिति निर्मित हो गई है। कुछ समय पहले तक हालात यह थे कि नीतीश कुमार ‍एक बार फिर बिहार के मुख्‍यमंत्री बन सकते हैं। लेकिन, जैसे-जैसे परिणाम का आंकड़ा आगे बढ़ा स्थितियां पूरी तरह बदलती नजर आ रही हैं। लगभग 95 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है।
 
बिहार में जिस तरह के रुझान सामने आए हैं, उसे देखकर लगता है कि उसे देखकर लग रहा है कि भाजपा महाराष्ट्र जैसा दांव बिहार में भी चल सकती है। यह संकेत इस बात से भी मिलता है कि चुनाव से पहले भाजपा के दिग्गज नेता और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि मुख्‍यमंत्री पद का फैसला चुनाव परिणाम के बाद विधायक करेंगे। हालांकि एनडीए के नेता और हम पार्टी के प्रमुख जीतनराम मांझी ने कहा कि इसमें कुछ भी अप्रत्याशित नहीं है। हम तो शुरुआत से कह रहे थे कि एनडीए ही भारी बहुमत से सरकार बनाएगा और नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।
 
बिहार की सीटों के गणित को समझने का प्रयास करें तो अब पलड़ा भाजपा के पक्ष में ज्यादा दिखाई दे रहा है। भाजपा 85 सीटों पर बढ़त बनाकर राज्य और गठबंधन में दोनों में ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ऐसे में मुख्‍यमंत्री पद के लिए स्वाभाविक रूप से दावा उसका ही बनता है। यदि जदयू की सीटों को अलग करके देखें तो भाजपा और अन्य एनडीए सहयोगियों की संख्या 123 (भाजपा 95, एलजेपी 19, हम 5 और आरएलएम 4) होती है। बिना नीतीश के भी भाजपा बहुमत के आंकड़े तक पहुंच सकती है।
 
ऐसे में केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए जोड़-तोड़कर शेष सीटें जुटाना कोई बड़ी बात नहीं होगी। खबर तो यह भी है कि जदयू में भी तोड़फोड़ हो सकती है। जदयू नेता ललन सिंह केन्द्र में मंत्री है। उनकी मदद से जदयू में सेंध लगाई जा सकती है। सौजन्यता के नाते भाजपा नीतीश को मुख्‍यमंत्री बना भी सकती है। 
 
दूसरी ओर, महागठबंधन की सीटों के आंकड़े पर नजर डालें तो राष्ट्रीय जनता दल को 25 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं, वहीं कांग्रेस 3 और वामपंथी 3 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। इन सबको मिलाकर जोड़ 33 होता है। नीतीश की सीटों (82) में यदि महागठबंधन की सीटें भी जोड़ दी जाएं तो आंकड़ा बहुमत तक नहीं पहुंचता है। ऐसें में बड़ा सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ले पाएंगे। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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