दिल्ली सरकार पर केंद्र सरकार क्यों लाई अध्यादेश?

Webdunia
शनिवार, 20 मई 2023 (22:07 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार द्वारा लगातार उकसाए जाने और केंद्र पर तीखे हमले किए जाने के कारण वरिष्ठ लोक सेवकों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण के मामले देखने के लिए एक विशेष प्राधिकरण का गठन करने संबंधी अध्यादेश लाने पर मजबूर हुई। सूत्रों ने यह दावा किया।

केंद्र सरकार ने ‘दानिक्स’ (दिल्ली, अंडमान- निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली (सिविल) सेवा) कैडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया।

आम आदमी पार्टी (AAP) की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच हालिया वर्षों में लगभग हर मामले पर विवाद देखा गया है। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली सरकार के आक्रामक प्रकृति वाले कदम, जिनमें से अधिकतर का मकसद केंद्र को उकसाना प्रतीत होता है, पहले के वर्षों के उस समय के अलग हैं, जब केंद्र और दिल्ली में अलग-अलग दलों की सरकारों के बावजूद केंद्र पर दुर्लभ ही तीखे हमले किए गए थे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है और दिल्ली के प्रशासन पर नियंत्रण होने से राजधानी शहर में प्रभावी समन्वय और सुरक्षा उपायों का कार्यान्वयन सुनिश्चित होता है। सूत्रों ने कहा कि जब 1991 में दिल्ली को एक संवैधानिक संशोधन द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) घोषित किया गया था, तो यह अवधारणा स्पष्ट कर दी गई थी कि चूंकि दिल्ली केंद्र सरकार की सीट है, इसलिए दोहरी सत्ता एवं जिम्मेदारी नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा कि दिल्ली एक अनूठी स्थिति वाला केंद्र शासित प्रदेश है, और केंद्र सरकार पूरे देश के हितों का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली का एक विशेष चरित्र है जो केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने की अनुमति देता है कि स्थानीय हितों पर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी जाए।

सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार की राष्ट्रीय संसाधनों एवं विशेषज्ञता तक पहुंच है, जिसका दिल्ली के प्रबंधन और विकास में प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का नियंत्रण यह सुनिश्चित करता है कि शहर के लिए नीतियां और निर्णय राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुसार हों ताकि बेहतर आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे का विकास और सांस्कृतिक संरक्षण हो सके।

सूत्रों ने कहा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में राजनयिक मिशन और अंतरराष्ट्रीय संगठन हैं, ऐसे में केंद्र सरकार का नियंत्रण अन्य देशों की सरकारों के साथ प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करता है और इन राजनयिक संस्थाओं के सुचारू कामकाज को संभव बनाता है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में यही व्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी संघीय सरकार के सीधे नियंत्रण में है तथा इसमें केवल एक महापौर होता है और कोई निर्वाचित सरकार नहीं है। डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया (वॉशिंगटन डीसी) में एक अनूठी व्यवस्था के तहत शासन होता है। वहां कानून प्रवर्तन, शिक्षा और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे सहित प्रशासन पर केंद्र सरकार का अधिकार है।

सूत्रों ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की राजधानी ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र (एसीटी) में स्थित है और संघीय सरकार के नियंत्रण में है। कनाडा की राजधानी ओटावा संघीय सरकार के प्रशासन के दायरे में आती है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जर्मनी और फ्रांस में भी ऐसी ही व्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि ये मामले शासन के विभिन्न मॉडल को दर्शाते हैं जहां राजधानी शहर पर केंद्र सरकार के नियंत्रण के कारण समन्वय, राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ तालमेल सुनिश्चित होता है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार के पास दिल्ली में राष्ट्रीय कानूनों, विनियमों और नीतियों को लागू करने का अधिकार है।उन्होंने कहा कि इससे शासन में एकरूपता सुनिश्चित होती है और विभिन्न क्षेत्रीय नियमों, विनियमों और कानूनों से उत्पन्न होने वाले संभावित टकरावों या विसंगतियों से बचा जाता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास दिल्ली में संसाधनों को कुशलतापूर्वक आवंटित करने की शक्ति है तथा प्राकृतिक आपदाओं या सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जैसी आपात स्थितियों में यह महत्वपूर्ण हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली के प्रशासन पर केंद्र सरकार का नियंत्रण लोक कल्याण के मामलों में एक सुसंगत और एकीकृत दृष्टिकोण मुहैया कराता है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

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