क्या 9000 होगी EPFO पेंशन? 20 मई को देशभर में सड़कों पर उतरेंगे श्रमिक संगठन

न्यूनतम मासिक वेतन 26 हजार रुपए करने की भी मांग कर रहे हैं श्रमिक संगठन

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 18 मार्च 2025 (19:55 IST)
Will EPFO ​​pension be Rs 9000: देश के विभिन्न श्रमिक संगठनों ने श्रम संहिताओं को खत्म करने और निजीकरण बंद करने जैसी मांगों को लेकर 20 मई को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। संगठनों की प्रमुख मांगों में न्यूनतम मासिक पेंशन 9000 रुपए करने और भारतीय श्रम सम्मेलन के नियमित सत्र आयोजित करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं।
 
केंद्रीय मजदूर संगठनों और स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघों के मंच की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय श्रमिक सम्मेलन के दौरान दो महीने का अभियान चलाने का फैसला किया गया, जिसका समापन 20 मई को देशव्यापी हड़ताल के साथ होगा।  ALSO READ: EPFO : ATM से पीएफ के पैसे निकालने पर आया बड़ा अपडेट, मनसुख मांडविया ने दी बड़ी जानकारी
 
किसने किया समर्थन : मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक, इस सम्मेलन को विभिन्न श्रमिक संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया। इनमें इंटक से अशोक सिंह, एटक से अमरजीत कौर, एचएमएस से हरभजन सिंह, सीटू से तपन सेन, एआईयूटीयूसी से हरीश त्यागी, टीयूसीसी से के इंदुप्रकाश मेनन, सेवा से लता बेन, एआईसीसीटीयू से राजीव डिमरी, एलपीएफ से जवाहर प्रसाद और यूटीयूसी से अशोक घोष शामिल थे। इन सभी श्रमिक नेताओं ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा का समर्थन किया। ALSO READ: EPFO ने ब्याज दर तो नहीं बढ़ाई, EDLI स्कीम में किया बदलाव, जानिए किसको मिलेगा फायदा
 
गरीबी और असमानता : बयान में कहा गया कि भविष्य में मजदूरों और किसानों के राष्ट्रव्यापी निर्णायक संघर्षों की श्रृंखला 20 मई से शुरू होगी। सम्मेलन ने सर्वसम्मति से एक घोषणापत्र पारित किया। इसमें आरोप लगाया गया कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने कामकाजी लोगों पर दुखों का भार थोपा है और कॉरपोरेट समर्थक तथा मजदूर-विरोधी नीतियों को अपनाया है। इन नीतियों के चलते बेरोजगारी, गरीबी और असमानता बढ़ गई है। ALSO READ: EPFO ने स्थिर रखी ब्याज दर, जानिए 2024-25 कर्मचारियों को कितना मिलेगा ब्याज?
 
घोषणापत्र में श्रम संहिताओं को खत्म करने, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण रोकने, न्यूनतम मासिक वेतन 26000 रुपए करने, कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 9000 रुपए करने और भारतीय श्रम सम्मेलन के नियमित सत्र आयोजित करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया) 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 

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