क्या राजस्थान में बदलेंगे सत्ता समीकरण? पायलट ने टटोला गहलोत समर्थक खाचरियावास का 'दिल'

Webdunia
मंगलवार, 4 अक्टूबर 2022 (21:34 IST)
जयपुर। राजस्थान में राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार की रात खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के सिविल लाइंस स्थित आवास पर मुलाकात की। राज्य में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
 
राज्य में जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान अशोक गहलोत खेमे में गए खाचरियावास ने मंगलवार को कहा कि पायलट के साथ बातचीत कोई नई बात नहीं थी। हालांकि उन्होंने दोनों के बीच हुई बातचीत के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
 
गौरतलब है कि खाचरियावास जुलाई 2020 से पहले पायलट खेमे में हुआ करते थे। खाचरियावास ने आज मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मुलाकात की। गहलोत द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव का नामांकन भरने के मामले में राज्य में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माने जाने वाले पायलट सोमवार की रात खाचरियावास के आवास पर गए थे।
 
सूत्रों के अनुसार दोनों की यह मुलाकात करीब 1.30 घंटे तक चली। बैठक को लेकर पायलट की ओर से कोई बयान नहीं आया। खाचरियावास ने सोमवार को सचिवालय में कहा कि पायलट के साथ बातचीत करना कोई नई बात नहीं है, क्योंकि वे और पायलट विधानसभा में एक ही बेंच पर बैठते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद यह मुलाकात हुई है।
 
उन्होंने कहा कि अगर हम बात करें तो यह कोई नई बात नहीं है। हम विधानसभा में बात करते रहते हैं। अगर पायलट साहब मेरे घर आएंगे तो जाहिर है हम 'भजन कीर्तन' करेंगे नहीं... सारी बातें करेंगे। हमने हर चीज के बारे में बात की और हमने जो बात की, वह यहां साझा करने लायक नहीं है। मैं मुख्यमंत्री से मिला हूं, मैं मंत्री हूं और उनसे मिलना-जुलना भी होता रहता है।
 
वहीं दूसरी ओर राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा पायलट के आवास पर पहुंचे और बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि खाचरियावास का दिल पायलट के साथ है। पायलट के निवास पर बातचीत में गुढा ने कहा कि मैं प्रताप सिंह खाचरियावास को लंबे समय से जानता हूं। वे मिलनसार व्यक्ति हैं। उनका दिल पायलट के साथ है। 
 
गुढ़ा का एक वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें वे लोगों से यह कहते हुए दिख रहे हैं कि पायलट की छवि खराब करने की साजिश रची गई थी। उन्होंने पायलट के धैर्य की प्रशंसा करते हुए उनकी तुलना प्राचीन हिन्दू महाकाव्य महाभारत के एक योद्धा अभिमन्यु से की। गहलोत के करीबी माने जाने वाले गुढ़ा ने हाल ही में सचिन पायलट के समर्थन में बयान दिया है।
 
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए विभिन्न विभागों के सचिवों की मंगलवार को बैठक की वहीं पायलट ने अपने आवास पर लोगों से मुलाकात की।
 
राज्य में राजनीतिक संकट 25 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक आयोजित करने के पार्टी के कदम के साथ सामने आया। इसे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव से पहले मुख्यमंत्री को बदलने की कवायद के रूप में देखा गया। हालांकि कांग्रेस विधायक दल की बैठक संपन्न नहीं हो सकी, क्योंकि अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायकों ने मंत्री शांति धारीवाल के घर समानांतर बैठक की और पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के किसी भी कदम के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
 
गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए उन 102 विधायकों में से किसी का भी समर्थन करने को तैयार हैं जिन्होंने जुलाई 2020 की संकट में गहलोत नीत सरकार का साथ दिया था। उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 अन्य विधायकों के अशोक गहलोत के नेतृत्व के विरोध के कारण बगावत कर दी थी।
 
गहलोत ने दिल्ली में हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं होने पर माफी मांगी थी। दिल्ली से लौटने के बाद गहलोत ने सामान्य रूप से अपना काम शुरू कर दिया, जो यह दर्शाता है कि अब सब ठीक है। इस दौरान पायलट खेमा खामोश रहा।Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)

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