SIR में नाम रहेगा या कट जाएगा? जानिए MP के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव झा से
मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार झा से वेबदुनिया की बातचीत
Chief Electoral Officer Madhya Pradesh Sanjeev Jha: मध्य प्रदेश समेत देश के 12 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान जारी है। इसके तहत ऐसे लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाया जाना प्रस्तावित है, जिनकी मौत हो चुकी है या फिर जो दूसरे स्थानों पर जाकर बस गए हैं। बिहार में हुए एसआईआर 65 लाख ऐसे ही मतदाताओं के नाम हटाए गए थे। एसआईआर अभियान के दौरान मतदाताओं की अपनी समस्या हैं। 2003 की सूची में न तो उनका नाम है न ही रिश्तेदारों का। उनका सवाल है कि ऐसी स्थिति में वे क्या करें? उनका नाम मतदाता सूची से कट जाएगा या फिर उसे जोड़ा जा सकेगा। आम आदमी से जुड़े ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार झा ने वेबदुनिया को दिए। आइए, जानते हैं उन्हीं सवालों के जवाब....
प्रश्न : एसआईआर के चलते कई लोगों में डर है कि 2003 की मतदाता सूची में नाम नहीं होने से उनका नाम मतदाता सूची से कट जाएगा?
उत्तर : ऐसा नहीं है कि अंतिम एसआईआर की मतदाता सूची में मतदाता का नाम नहीं मिलने से उनका नाम मतदाता सूची से कट जाएगा। यदि स्वयं का नाम अंतिम एसआईआर की मतदाता सूची में नहीं है तो रिश्तेदार (पिता/माता/दादा/दादी) का नाम Last SIR की मतदाता सूची में उपलब्ध होने पर गणना पत्रक में प्रविष्टि की जाएगी तथा इनका सत्यापन भी बीएलओ द्वारा किया जाएगा।
स्वयं का अथवा रिश्तेदार (पिता/माता/दादा/दादी) का नाम अंतिम एसआईआर की मतदाता सूची में उपलब्ध न होने की दशा में भी गणना पत्रक भरकर बीएलओ को दे सकेंगे, जिसके आधार पर प्रारूप मतदाता सूची में उनका नाम उपलब्ध होगा। ऐसे प्रकरणों पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) या सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन उपरांत गणना पत्रक की जांच कर नोटिस, सुनवाई आदि के पश्चात अंतिम प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची में नाम दर्ज होने अथवा न होने के संबंध में निर्णय लेंगे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि जिन मतदाताओं के गणना पत्रक मतदाता या किसी अन्य वयस्क पारिवारिक सदस्य के हस्ताक्षर/बाएं अंगूठे का निशान (रिश्ते का उल्लेख करें) तिथि सहित प्राप्त होंगे, उन्हें प्रारूप मतदाता सूची में सम्मिलित किया जाएगा।
प्रश्न : 2003 में वोट दिया लेकिन कई लोगों का वर्तमान मतदाता सूची में नाम नहीं है तो क्या करें?
उत्तर : यदि स्वयं का नाम अंतिम एसआईआर (Last SIR) की मतदाता सूची में दर्ज था, लेकिन वर्तमान मतदाता सूची में नहीं है तो मतदाता सूची में नाम जोडने के लिए फॉर्म 6 (Form 6) एवं घोषणा पत्र भरकर जमा किया जाना अपेक्षित है।
प्रश्न : कई लोगों को एसआईआर फॉर्म नहीं मिला है, जबकि उन्होंने पिछले चुनावों में वोट डाला है, इस बारे में बीएलओ के पास भी कोई स्पष्ट उत्तर नहीं होता है, ऐसी स्थिति में व्यक्ति क्या करे?
उत्तर : दिनांक 27 दिसंबर 2025 की स्थिति में मतदाता सूची में दर्ज सभी मतदाताओं को गणना पत्रक दो प्रतियों में दिए गए हैं। यदि मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं है तो उन्हें नवीन आवेदन फॉर्म 6 के साथ घोषणा पत्र भरते हुए करना होगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्तमान मतदाता सूची में अपना नाम देखने के लिए https://voters.eci.gov.in एवं https://ceoelection.mp.gov.in का उपयोग कर सकते है।
प्रश्न : लोगों को यह भी डर है कि 2003 की सूची में नाम नहीं होने से कहीं उन्हें घुसपैठिया तो नहीं मान लिया जाएगा?
उत्तर : ऐसा कदापि नहीं है कि अंतिम एसआईआर की सूची में नाम न दर्ज पाए जाने पर किसी को घुसपैठिया माना जाएगा। मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत मतदाता सूची शुद्ध करने की प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है।
प्रश्न : ग्रामीण इलाकों में 2003 के बाद विवाह करके आई कई महिलाओं के माता-पिता का भी रिकॉर्ड नहीं है, विवाह प्रमाण पत्र भी नहीं होता, वे कैसे एसआईआर में शामिल हो सकती है?
उत्तर : किसी राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश में हुए अंतिम एसआईआर की मतदाता सूची में स्वयं या रिश्तेदार (पिता/माता/दादा/दादी) का नाम सर्च करने हेतु मतदाता सूची https://voters.eci.gov.in पोर्टल पर उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त https://ceoelection.mp.gov.in पर मध्यप्रदेश राज्य की अंतिम एसआईआर की मतदाता सूची तथा नाम, अनुभाग आदि से सर्च की सुविधा भी उपलब्ध है। बीएलओ द्वारा भी इस कार्य में सहायता प्रदान की जा रही है। इसके लिए अपने मतदान क्षेत्र के अंतर्गत बने हैल्पडैस्क से भी संपर्क कर सकते है।
यदि कोई महिला मतदाता का नाम 27.10.2025 की स्थिति में मतदाता सूची में दर्ज है तथा उनका स्वयं एवं उनके रिश्तेदार (पिता/माता/दादा/दादी) का नाम अंतिम एसआईआर की मतदाता सूची में नहीं होने पर भी वह अपना गणना पत्रक हस्ताक्षर/बाएं अंगूठे का निशान के साथ प्रस्तुत कर सकती है। ऐसी स्थिति में उसका नाम प्रारूप निर्वाचक नामावली में प्रदर्शित होगा तथा प्रारूप निर्वाचक नामावली प्रकाशन के पश्चात गणना पत्रक की जांच कर नोटिस, सुनवाई आदि के पश्चात अंतिम प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची में नाम दर्ज होने अथवा न होने के संबंध में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक राजिस्ट्रीकरण अधिकारी निर्णय लेंगे।
प्रश्न : क्या एसआईआर में पते और पहचान के लिए आधार कार्ड मान्य होगा?
उत्तर : चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों में SIR में आधार कार्ड को सम्मिलित किया गया है। आधार पहचान का प्रमाण के रूप में स्वीकार एवं उपयोगी होगा।