Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का 90 साल की उम्र में निधन, ‘महाभोज’ और ‘आपका बंटी’ जैसी कालजयी रचनाएं दर्ज है उनके नाम

हमें फॉलो करें प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का 90 साल की उम्र में निधन, ‘महाभोज’ और ‘आपका बंटी’ जैसी कालजयी रचनाएं दर्ज है उनके नाम
, सोमवार, 15 नवंबर 2021 (15:10 IST)
'महाभोज' और 'आपका बंटी' जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी सोमवार को निधन हो गया।
यह खबर आते ही साहित्‍य जगत में शौक पसर गया। सोशल मीडि‍या में उन्‍हें श्रद्धाजंलि देने के लिए तांता लग गया।

इंदौर, भोपाल, दिल्‍ली, समेत उत्‍तर प्रदेश और बिहार के लेखक और साहित्‍यकारों ने उन्‍हें श्रद्धाजंलि दी।  
बता दें कि वे नयी कहानी आंदोलन की पुरोधाओं में थीं, जिनकी रचनायें कई दशकों से हमें अपने समय को समझने और संवारने में मदद करेगी।

अपने लेखन कार्यकाल में मन्‍नू भंडारी ने कहानियां और उपन्यास दोनों लिखे हैं। ‘मैं हार गई’ (1957), ‘एक प्लेट सैलाब’ (1962), ‘यही सच है’ (1966), ‘त्रिशंकु’, ‘तीन निगाहों की एक तस्वीर’ और ‘आंखों देखा झूठ’ उनके द्वारा लिखे गए कुछ महत्त्वपूर्ण कहानी संग्रह है। उन्होंने अपनी पहली कहानी ‘मैं हार गई’ अजमेर में ही लिखी थी जो काफी मशहूर हुई थी।

मध्‍यप्रदेश के मंदसौर में हुआ था जन्‍म
हिंदी की प्रसिद्ध कहानीकार और उपन्यासकार मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल 1931 को मध्यप्रदेश में मंदसौर ज़िले के भानपुर गांव में हुआ था। मन्नू का बचपन का नाम ‘महेंद्र कुमारी’ था।

उनके पिता सुख संपत राय उस दौर के जाने-माने लेखक और समाज सुधारक थे, जिन्होंने स्त्री शिक्षा पर बल दिया। वह लड़कियों को रसोई में न भेजकर, उनकी शिक्षा को प्राथमिकता देने के समर्थक थे। मन्नू के व्यक्तित्व निर्माण में उनके पिता का काफी योगदान रहा। उनकी माता का नाम अनूप कुंवरी था जो कि उदार, स्नेहिल, सहनशील और धार्मिक प्रवृति की महिला थी। इसके अलावा परिवार में मन्नू के चार-बहन भाई थे।

बचपन से ही उन्हें, प्यार से ‘मन्नू’ पुकारा जाता था इसलिए उन्होंने लेखन में भी अपने नाम का चुनाव मन्नू को ही किया। लेखक राजेंद्र यादव से शादी के बाद भी महेंद्र कुमारी मन्नू भंडारी ही रही। मन्नू भंडारी ने अजमेर के ‘सावित्री गर्ल्स हाई स्कूल’ से शिक्षा प्राप्त की और कोलकाता से बीए की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने एमए तक शिक्षा ग्रहण की और वर्षों तक दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलेज में पढ़ाया।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मणिशंकर अय्यर ने कहा- मुगलों ने धर्म के नाम कभी नहीं किया अत्याचार, सत्ता में बैठे लोगों के लिए सिर्फ 80% ही असली भारतीय