यासिन मलिक, स्वामी अग्निवेश गिरफ्तार

सुरेश एस डुग्गर
शनिवार, 18 अप्रैल 2015 (17:32 IST)
श्रीनगर। जेकेएलएफ अध्यक्ष व अलगाववादी नेता यासिन मलिक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया  है। उनके साथ समाजसेवी स्वामी अग्निवेश को भी हिरासत में लिया गया है। ये दोनों कश्मीर बंद के  दौरान नारबल जा रहे थे।

रास्ते में ही पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। यहां पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत हो  गई है, वहीं इससे पहले मलिक भूख हड़ताल पर बैठे थे।

उन्होंने अपने 30 समर्थकों संग 30 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की थी। इस बीच कश्मीरी पंडित  संगठनों ने जम्मू में अलगाववादियों के इस विरोध के खिलाफ अपने प्रदर्शनों को तेज कर दिया है।

मलिक कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से टाउनशिप बसाने के केंद्र  सरकार के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। आज (शनिवार) के विरोध प्रदर्शन से पहले पहले भी  यासिन मलिक को केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करने और मार्च निकालने के आरोप में  पुलिस ने हिरासत में ले लिया था जिसके बाद श्रीनगर में मलिक समर्थकों और पुलिस में काफी  झड़पें हुई थी।

गिरफ्तारी से पहले कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से टाउनशिप बनाने की योजना का विरोध करते  हुए यासिन मलिक 30 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठे थे। अपने आंदोलन के दौरान मलिक ने कहा  कि जम्मू-कश्मीर की यह परंपरा है कि यहां हिन्दू-मुसलमान और सिख साथ-साथ रहते हैं इसलिए  कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से रहने की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। पिछले 5-6 साल में कई  कश्मीरी पंडित वापस घाटी में आ गए हैं और सबके साथ मिल-जुलकर रह रहे हैं।

यासिन मलिक ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से कॉलोनी बनाने का मतलब है, उनके  लिए भय का माहौल बनाना। हम उन्हें यह स्पष्ट बताना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में हिन्दू,  मुसलमान और सिख एक साथ मिल-जुलकर रह सकते हैं।

इससे पहले राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने स्पष्ट किया कि था कि जो  इसराइल में हुआ वह कश्मीर में नहीं दोहराया जाएगा। कश्मीर में पंडितों को अलग से नहीं बल्कि  समाज में उनके अपने घरों में ही बसाया जाएगा।

इस बीच कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी को लेकर अलगाववादियों का विरोध और देश विरोधी नारे  लगाने वाले आतंकी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर यूथ ऑल इंडिया  कश्मीरी समाज के कार्यकर्ताओं ने जम्मू में रैली निकाली।

ऑल इंडिया कश्मीरी समाज के प्रधान आरके भट्ट के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने कट्टरपंथी नेता  मसर्रत आलम, अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी, इंजीनियर रशीद के खिलाफ कश्मीरी  पंडितों की वादी वापसी के लिए विरोध करने और भारत विरोधी नारेबाजी के लिए कड़ी कार्रवाई की  मांग की।

इस बीच कश्मीरी पंडितों ने कहा है कि वादी में कश्मीरी पंडितों के टाउनशिप में पुनर्वास का विरोध  कर रहे अलगाववादियों व आतंकी नेताओं के भारत विरोधी रवैये के खिलाफ प्रदर्शनों का सिलसिला  जारी रहेगा।

पंडित समुदाय में कश्मीर में पैदा हुए हालात को लेकर विचार-विमर्श जारी है। हाल ही में कश्मीर में  हुए भारत विरोधी प्रदर्शनों से समुदाय में रोष है और वह राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार के रवैये  पर भी नजर रखे हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर विचार मंच के नेता हीरालाल भट्ट का कहना है कि समुदाय इस समय ऐसे चौराहे पर  खड़ा है, जहां यह समझ पाना मुश्किल है कि वे कहां जाएं। जिस तरह की परिस्थितियां कश्मीर में  बनी हैं उन्हें समझ पाना मुश्किल है। संगठन अभी 'देखो और इंतजार करो' की स्थिति में है, लेकिन  अगर माहौल में बदलाव नहीं आया तो उन्हें भी प्रदर्शन का ही रास्ता अपनाना पड़ेगा।
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