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नजरिया : लखनऊ, नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने से बढ़ेगी पुलिस की ताकत, अपराधियों पर कसेगा शिकंजा

वेबदुनिया की पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह और वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र प्रताप सिंह से खास बातचीत

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विकास सिंह

, सोमवार, 13 जनवरी 2020 (13:57 IST)
उत्तर प्रदेश में लगातार सवालों के घेरे में पुलिस को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। लखनऊ और नोएडा में कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार के इस फैसले के जानकारी दी है। सरकार के इस फैसले के बाद लखनऊ में एडीजे स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त होंगे जबकि 9 एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने इस फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए लॉ- ऑर्डर के नजरिए इससे पुलिस को काफी सहूलियत मिलेगी।
 
योगी सरकार के लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने के फैसले के बाद इस पर बहस भी तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह से कहते हैं कि इस फैसले के पुलिस के पास मजिस्ट्रियल पॉवर आ जाएगी और वह अपने निर्णय तेजी से ले सकेगी। वेबदुनिया से बातचीत में प्रकाश सिंह कहते हैं कि कई बार देखा गया है कि कानून व्यवस्था से जुड़े मामले अधिकतर इसलिए और बिगड़ जाते है क्योंकि वहां निर्णय लेने में देरी हो जाती है। वह कहते हैं कि इस फैसले के बाद अब पुलिस की ताकत बढ़ेगी और इससे अपराधियों में एक डर भी पैदा होगा। वह इस 
 
वेबदुनिया से बातचीत उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र प्रताप सिंह में इसे बड़ा फैसला बताते हुए कहते हैं कि पिछले काफी लंबे समय से पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने की बात की जा रही थी और अब योगी सरकार ने प्रदेश के दो बड़े शहरों लखनऊ और नोएडा में इसको लागू करने का फैसला किया है। वह कहते हैं कि सरकार के इस फैसले के बाद अब इन दोनों जिलों में पुलिस को और अधिकारी मिल सकेंगे और वह आसानी से अपने कामों को कर सकेगी। 
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वेबदुनिया से बातचीत में महेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि लखनऊ और नोएडा दोनों ही जनसंख्या की दृष्टि से बड़े और और कानून व्यवस्था के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण है। वह पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने के फैसले को सही बताते हुए कहते हैं कि जिलों में वर्तमान में अभी सभी प्रकार की जरुरी कार्रवाई के लिए कलेक्टर की अनुमति की जरुरत होती है ऐसे में कई बार ऐसी परिस्थितयां सामने आ जाती है कि जिलाधिकारी अपनी व्यस्ताओं के चलते अपराध नियंत्रण से जुड़े जरुरी निर्णयों में अपनी अनुमति नहीं दे पाता है। इसका सीधा असर कानून व्यवस्था पर पड़ता है और कई बार देख जाता है कि निर्णय लेने में देरी हो जाती है। 

ऐसे में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने से पुलिस के अधिकार बढ़ जाएंगे और कानून व्यवस्था से जुड़े फैसलों पर वह खुद निर्णय ले सकेगी। वह कहते हैं कि इस फैसले से कलेक्टर के दफ्तर में जहां फाइलें लंबे समय तक रुकी रहती थी उसमें कमी हो जाएगी और फैसलों में तेजी आएगी। वह कहते हैं पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद कि अब पुलिस के पास मजिस्ट्रियल पॉवर आ जाएगी और वह अब शांति भंग होने और दंगा होने जैसे स्थितियों में तत्काल अपने फैसलों को ले सकेगी। इसके साथ ही अब तक पुलिस को अपने फैसलों जैसे अपराधी को जिलाबदर करना, गुंडा एक्ट लगाना, रासुका लगाना जिन फैसलों के लिए कलेक्टर की अनुमति लेती पड़ती थी उसको अब किसी का मुंह नहीं देखना होगा। 
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वेबदुनिया से बातचीत में महेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लेकर आईएएस लॉबी पिछले काफी लंबे समय अपना विरोध जताती आई है और वह आगे भी विरोध जताएगी क्योंकि इस फैसले के बाद उसके अधिकारों में कटौती हो जाएगी। वह कहते हैं कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम में पुलिस पर शक्तियों के दुरुपयोग करने की भी आंशका आईएएस लॉबी पहले लगा चुकी है और वह अब इस फैसले का विरोध इसलिए भी करेगी कि इसको आने वाले समय में अन्य बड़े जिलों में न लागू कर दिया जाए जिससे कि सीधे तौर पर कलेक्टर की पॉवर कम हो जाएगी। 
 
वह कहते हैं कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने की कवायद करने की पिछली अखिलेश सरकार के समय से चल रही थी लेकिन इसको किन्हीं वजहों से लागू नहीं किया जा सका था लेकिन आज के दौर में जब अपराध के मामलों और तरीकों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है तब यह फैसला कानून व्यवस्था के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण है। 
 

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