नई दिल्ली में खुलेगा चिड़ियाघर विज्ञान का केंद्र

Webdunia
सोमवार, 3 नवंबर 2014 (18:43 IST)
-अनुपमा जैन 
नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि भारत में पशुओं की 91,000 और पौधों की 45,000 प्रजातियां हैं। विश्व के बाघों की 50 प्रतिशत संख्या और 60 प्रतिशत एशियाई हाथी और गैंडे यहां निवास करते हैं। एशियाई शेर की जीवित आबादी वाला भारत एकमात्र देश है और देश में विश्व की 34 जैव-विविधता वाले आकर्षण केंद्रों में से 4 भारत में स्थित हैं।
 
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को यहां चिड़ियाघर और एक्वेरियम विश्व संघ (डब्ल्यूएजेडए) के 69वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार जल्द ही जैव-विविधता से भरपुर वाले अपने देश में भारत चिड़ियाघर विज्ञान का केंद्र स्थापित करेगी, जिस की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
संस्थान की स्थापना का उद्देश्य देश में चिड़ियाघरों के कामकाज में बदलाव लाना, वर्तमान प्रणाली में वैज्ञानिक और तकनीकी संस्कृति को बढ़ावा देना और चिड़ियाघरों को दर्शकों के और अनुकूल बनाना है।
 
प्रस्तावित संस्थान केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के लिए एक तकनीकी सलाहकार के रूप में कार्य करेगा और लुप्तप्रायः प्रजातियों के संरक्षित प्रजनन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशेषज्ञ मदद उपलब्ध कराने के अलावा देशभर के चिड़ियाघरों में सेवारत कर्मियों और भागीदारों के साथ-साथ दक्षिणी एशियाई देशों के चिड़ियाघर कर्मियों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित करेगा। 
यह केंद्र नई दिल्ली में बनाया जाएगा। 
 
साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने चिड़ियाघरों में आपदा प्रबंधन कार्यक्रम शुरू किया था ताकि अभी हाल ही में पशु बाड़े में अनजाने में दर्शकों के गिरने की जो घटनाएं हुई हैं, उन्हें रोका जा सके।
 
जावड़ेकर ने कहा कि इस सम्मेलन का विषय ‘जैव-विविधता हम से है’, भारत के लिए बहुत उपयुक्त है, क्योंकि भारत विविधता में एकता वाला देश है। भारत में विश्व का 2.4 प्रतिशत भूमि क्षेत्र है, लेकिन विश्व की 7.8 प्रतिशत जैव-विविधता का घर है। यहां पशुओं की 91,000 और पौधों की 45,000 प्रजातियां पाई जाती हैं।
 
देश में विश्व की 34 जैव-विविधता वाले आकर्षण केंद्रों में से 4 भारत में स्थित हैं तथा विश्व के बाघों की 50 प्रतिशत जनसंख्या और 60 प्रतिशत एशियाई हाथी और गैंडे यहां निवास करते हैं। एशियाई शेर की जीवित आबादी वाला भारत एकमात्र देश है। 
 
जावड़ेकर ने लुप्तप्रायः प्रजातियों के संरक्षण के लिए मंत्रालय द्वारा की गई पहल का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हैदराबाद में लुप्तप्रायः प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयोगशाला और भारतीय वन्य जीव संस्थान में राष्ट्रीय पशुशाला (स्टड) पुस्तक कक्ष की स्थापना के लिए पहल की गई है।
 
इसके अलावा वेब आधारित जीव वैज्ञानिक सूचना प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करने के लिए देश के अधिकांश चिड़ियाघर अंतरराष्ट्रीय प्रजाति सूचना प्रणाली के सदस्य बन रहे हैं और सीजेडए की सहायता से विभिन्न लुप्तप्रायः प्रजातियों के लिए चल रहे संरक्षित प्रजनन कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया है।
 
सरकार ने चिड़ियाघरों में आपदा प्रबंधन कार्यक्रम शुरू किया था ताकि अभी हाल ही में पशु बाड़े में अनजाने में दर्शकों के गिरने की जो घटनाएं हुई हैं, उन्हें रोका जा सके। उन्होंने बताया कि गिद्धों के संरक्षण की कार्ययोजना को बहुत सफलता मिली है। 
 
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन सचिव अशोक लवासा ने सम्मेलन में कहा कि प्रकृति का संरक्षण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और प्रकृति और पारिस्थितिकी का सफल संरक्षण ही हमारे विकास का प्रतीक है। मंत्रालय पर्यावरण संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और प्रक्रियाओं को शामिल करने के लिए वन्यजीव अधिनियम में व्यापक परिवर्तन लाने की प्रक्रिया में है। (वीएनआई)
 
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