विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने शुक्रवार को यहां एक सवाल के जवाब में इन सभी 40 लोगों के परिवारजनों सहित देश को यह अच्छी खबर देते हुए कहा कि गुरुवार से हालात कुछ बेहतर हैं, सरकार हर माध्यम से, चाहे वह आगे का हो या पीछे का, इन भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए हर तरह के प्रयास में जुटी है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता मे हुई शुक्रवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इराक की स्थिति का जायजा लिया गया। बैठक में गृहमंत्री, विदेशमंत्री के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, कैबिनेट सचिव व गुप्तचर, सुरक्षा सेवाओं के प्रमुख सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
सवालों के जवाब में अकबरुद्दीन ने साफतौर पर कहा कि वहां फंसे जिन भारतीयों के पास पासपोर्ट वगैरह नहीं हैं, उन्हें संबद्ध यात्रा दस्तावेज मुहैया कराना कोई मुद्दा ही नहीं है। यहां तक कि मंत्रालय ने इराक के पड़ोसी देशों स्थित भारतीय मिशनों को भी निर्देश दिए हैं कि इराक में फंसे भारतीय अगर वहां पहुंचते हैं तो उन्हें समुचित यात्रा दस्तावेज देकर स्वदेश भेजने की व्यवस्था की जाए।
जिन लोगों के पास टिकट खरीदने के पैसे नहीं हैं, उन्हें भी स्वदेश लाने के लिए पूरी मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इराक के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में 120 भारतीय फंसे थे, जिसमें बेंज़ी व अनलार से 8-8 भारतीयों को सुरक्षित निकालकर वापस स्वदेश भेज दिया गया है।