नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दो सप्ताह के भीतर उत्तराखंड में बारिश के बाद हुई बर्बादी के दौरान बचाव कार्य की स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया ।
न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण दो सप्ताह के भीतर बचाव कार्य की स्थिति के बारे में हलफनामा दाखिल करे। इस मामले में न्यायालय द्वारा अब 26 जुलाई को आगे विचार किया जाएगा।
इस बीच उत्तराखंड सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे सभी तीर्थयात्रियों को निकाल लिया गया है। राज्य सरकार के अनुसार सिर्फ वे स्थानीय निवासी ही अब बचे हैं, जो वहां से बाहर नहीं आना चाहते।
न्यायालय अधिवक्ता अजय बंसल की जनहित याचिका पर विचार कर रहा था। इस याचिका में उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
इससे पहले न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार को बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए सभी प्रयास करने और उन्हें भोजन तथा पीने का पानी मुहैया कराने का निर्देश दिया था।
न्यायालय ने बचाव कार्य के लिए पर्याप्त संख्या में हेलीकॉप्टर तैनात करने का भी निर्देश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को राज्य सरकार को सभी जरूरत संसाधन मुहैया कराने चाहिए। (भाषा)