दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मौत से देशभर में शोक की लहर फैल गई। नेता से लेकर अभिनेता और अभिनेता से लेकर आम आदमी तक सभी दुख के सागर में डूब गए। दुखी लोगों की प्रतिक्रियाओं पर डालते हैं एक नजर :
* देवेंद्र ने कहा कि अगर उसे वाकई में बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया था तो एम्स को बंद कर देना चाहिए और सरकार को हवाई टिकट पर सब्सिडी देना शुरू कर देना चाहिए। * हर्ष टी ने कहा कि सरकार ने मेट्रो बंद कर दी है ताकि महिलाएं बलात्कार का शिकार होने के लिए अवैध बसों में यात्रा करें। * मनीष मिश्रा ने कहा कि कल भारत पाकिस्तान मैच में खिलाड़ियों को बलात्कार का विरोध करते हुए काले कपड़े पहनकर खेलना चाहिए। * अर्पिता भट्टाचार्य ने कहा कि बलात्कार को रोकने का एकमात्र उपाय बलात्कारियों को सार्वजनिक रूप से फांसी है। खौफ जरूरी है जैसे शब्द बेकार है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि बहादुर लड़की का गुजर जाना बहुत दुखदायक है। ये हम सबके लिए ऐसा लम्हा है, जब हमें शर्म भी आती है और दुख भी होता है। भगवान इस प्यारी लड़की के परिवार को दुख सहन करने की शक्ति दे।
महानायक अमिताभ बच्चन ने दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि 'अमानत' कहें या 'दामिनी', अब ये सिर्फ एक नाम हैं. उसके शरीर की मौत हो गई है लेकिन उसकी आत्मा हमारे दिलों को झकझोरती रहेगी
उद्योगपति विजय माल्या ने कहा कि एक लड़की का मानवीय क्रूरता के कारण गुजर जाना अत्यंत दुखद है। फास्ट ट्रेक कोर्ट का गठन करो और इंसाफ करो।
फिल्म निर्देशक कुणाल कोहली ने कहा कि नई दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की शिकार बनी लड़की की मौत हो गई है, उसके डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है।
निमिषा तिवारी ने कहा कि गैंगरेप पीड़िता की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। हमारा संघर्ष उसे न्याय मिलने तक जारी रहेगा।
थिरुवेंकटा नामक एक शख्स ने कहा कि मेरी मां ने कल ही कहा था कि दामिनी को सिंगापुर मरने के लिए भेजा गया है, विरोध को दबाने के लिए भेजा गया था। दुर्भाग्य से यह सब सच निकला ।
तनुज गर्ग ने कहा कि क्या हम अमानत को दिल्ली गैंगरेप पीड़ित कहना बंद कर सकते हैं? उसे जीते जी सम्मान न मिला हो, पर मरने के बाद तो दे ही सकते हैं।
प्रवीणा श्रीधर आरोपियों को फांसी देने के पक्ष में नहीं है। उनका मानना है कि उन्हें भी वैसे ही प्रताड़ित किया जाना चाहिए, जैसा उन्होंने उस लड़की के साथ किया।
सासंद नवीन जिंदल ने कहा कि सिंगापुर में बहादुर दामिनी की मौत हो गई। वह अंत तक बहादुरी से लड़ी। उसकी मौत बेकार नहीं जाएगी।
पुनीत ने कहा कि सरकार ने दामिनी को इलाज के लिए सिंगापुर भेजा था। क्या अब हम न्याय के लिए आरोपियों को साउदी अरब भेज सकते हैं। (वेबदुनिय ा न्यू ज)