चिड़ियाघर देखना होगा सस्ता, हवाई यात्रा होगी महंगी

Webdunia
मंगलवार, 31 मार्च 2015 (18:30 IST)
नई दिल्ली। आम बजट 2015-16 में घोषित सेवाकर के कुछ प्रस्तावों के 1 अप्रैल से प्रभावी होने के साथ चिड़िया घर, संग्रहालयों और बाघ अभ्यारण्यों में प्रवेश के टिकट सस्ते हो जाएंगे, जबकि बिजनेस क्लास में विमान यात्रा, म्यूचुअल फंडों व चिटफंड में निवेश महंगा हो जाएगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सेवाकर को तर्कसंगत बनाने के लिए पिछले महीने कई प्रस्ताव किए। बजट में सेवाकर की दर बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। अभी इसकी प्रभावी दर 12.36 प्रतिशत है। हालांकि सेवाकर की नई दर संसद द्वारा वित्त विधेयक पारित किए जाने के बाद सरकार द्वारा अधिसूचित की जाने वाली तिथि से लागू होगी।

सेवाकर से जुड़े अन्य प्रस्ताव 1 अप्रैल, 2015 से प्रभावी हो जाएंगे। इनमें चिड़िया घर, संग्रहालयों, राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य एवं बाघ अभ्यारण्य में प्रवेश जैसी सेवाओं को दी गई कर छूट शामिल हैं।

इसी तरह जीवन बीमा योजना, वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना, एंबुलेंस सेवा, फलों व सब्जियों की खुदरा पैकिंग पर भी कोई सेवाकर नहीं लगेगा, वहीं दूसरी ओर हवाई यात्रा महंगी हो जाएगी क्योंकि अब टिकट के 60 प्रतिशत मूल्य पर सेवाकर लगेगा जो अभी 40 प्रतिशत मूल्य पर लगता है।

इकोनामी क्लास को छोड़कर अन्य वर्गों टिकट पर सेवाकर के मामले में एबेटमेंट :छूट: का अनुपात घटाया जा रहा है। इस तरह के उच्च श्रेणियों की विमान यात्राओं पर टिकट मूल्य के 60 प्रतिशत पर सेवाकर देय होगा।’’


म्यूचुअल फंड के एजेंटों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं, लाटरी टिकटों की मार्केटिंग, विभागीय संचालित सार्वजनिक टेलीफोन एवं हवाईअड्डा व अस्पतालों से नि:शुल्क फोन काल्स सेवाकर के दायरे में होंगे।

जहां तक चिटफंड के संबंध में, सेवा कर का भुगतान शुल्क, कमीशन या इस तरह की अन्य राशि प्राप्त करने वाले चिटफंड फोरमैन द्वारा किया जाएगा। हालांकि वे सेनवैट क्रेडिट के लिए दावा करने के पात्र होंगे।

सेवाकर को तर्कसंगत बनाए जाने के तहत ऐसी निर्माण सेवाएं एक अप्रैल से सेवाकर से मुक्त होंगी, बशर्ते ये निर्माण सेवाएं ऐतिहासिक स्मारकों, सिंचाई के काम, जलापूर्ति एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संबंध में सरकार को उपलब्ध कराई जा रही हों।

किसी हवाई अड्डे या बंदरगाह से संबंधित मूल कार्यों का निर्माण, उन्हें खड़ा करना और चालू करने या स्थापित करने के काम को सेवा कर से मिली छूट 1 अप्रैल से वापस कर ली गई है। लोकगीत और शास्त्रीय संगीत के कलाकारों की सेवा को सेवा कर के दायरे से बाहर रखा गया है बशर्ते उनका भुगतान 1 लाख रपए से कम हो। रेल से खाद्यों की ढुलाई पर सेवा कर की छूट केवल अनाज के परिवहन तक सीमित रहेगी जिसमें चावल, दालें, आटा, दूध और नमक की ढुलाई सेवा कर से मुक्त होगी। अन्य सामानों की ढुलाई महंगी होगी।  (भाषा)
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